विश्व हिंदू परिषद ने हिंदू मंदिरों को लेकर देशभर में एक जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की है. वीएचपी के संगठन महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा, 'वीएचपी ने हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए एक देशव्यापी जन जागरूकता अभियान शुरू किया है. इसकी पहली बैठक 5 जनवरी को विजयवाड़ा में होगी.'
उन्होंने कहा, 'हमने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को कानून का प्रस्तावित मसौदा दिया है, जिसमें हमने कुछ सुझाव दिए हैं कि इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना है.' वीएचपी के इस कैंपेन पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि बीजेपी अलग-अलग विषय लाकर अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
'हजारों किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया'
अवधेश प्रसाद ने कहा, 'बीजेपी विभिन्न विषयों के माध्यम से लोगों का ध्यान अपनी विफलताओं से भटकाने की कोशिश कर रही है. हजारों किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया है. महंगाई का मुद्दा है. कई पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार हैं. संविधान बनने के 75 साल बाद भी आरक्षण नहीं मिल रहा है.'
उन्होंने कहा, 'सरकारी संस्थान निजी कंपनियों को बेचे जा रहे हैं. संभल मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही. इन सभी विषयों से चर्चा को टालने के लिए वे (बीजेपी और वीएचपी) ने यह मुद्दा (मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान) उठाया है.'
मोहन भागवत के बयान पर वीएचपी ने क्या कहा?
इससे पहले वीएचपी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के 'हर मस्जिद में मंदिर ढूंढ़ने की जरूरत नहीं' वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी थी. विश्व हिंदू परिषद के नेता सुरेंद्र जैन ने कहा था, 'पूरी दुनिया जानती है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत में लाखों मंदिरों को तोड़ा और उन पर मस्जिद बनाई.'
मीडिया से बात करते हुए सुरेंद्र जैन ने कहा, '1984 में भारत के संतों ने मुस्लिम समाज को बहुत अच्छा ऑफर दिया था कि आप हमें केवल तीन दे दीजिए, अयोध्या, मथुरा और काशी.. हम लाखों को भूल जाएंगे. आज की परिस्थिति जो बनी है उसके लिए मुस्लिम नेतृत्व जिम्मेदार है.'
उन्होंने कहा, 'अयोध्या हमने लिया है, वो लड़कर लिया है. यदि मुस्लिम उस समय आगे आए होते तो ये तीनों स्थान हमारे होते, ये विषय ही नहीं आता है. बाकी दो बचे हैं, मुझे लगता है कि यदि वो दो दे देते हैं तो हम फिर समाज के जागृत वर्ग को भी समझा सकेंगे कि हर जगह पर ये काम नहीं किया जा सकता है.'