बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ढाका पहुंच गए हैं. ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इस साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.
कहा जा रहा है कि विक्रम मिस्री अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठा सकते हैं. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को ये स्वीकार करना होगा कि पांच अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट से रिश्तों में बदलाव आया है. किसी समस्या को हल करने की दिशा में पहला कदम समस्या के अस्तित्व को स्वीकार करना है. हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि पांच अगस्त के बाद भारत-बांग्लादेश के संबंधों में परिवर्तन आया है. हमें इसे स्वीकार करना होगा और संबंधों को आगे बढ़ाना होगा.
बता दें कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री को केंद्र सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार (Service Extension) दिया था. वह 30 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त (Retire from Service) होने वाले थे. लेकिन कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी ने मिस्री के सेवा विस्तार को मंजूरी दी. अब वह 14 जुलाई, 2026 तक या अगले आदेश तक विदेश सचिव की भूमिका में बने रहेंगे.