पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले हिंसा का दौर जारी है. यहां कूचबिहार के दिनहाटा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली के एक दिन बाद हिंसा फैल गई. बताया जा रहा है कि यहां टीएमसी के दो गुट आपस में भिड़ गए. इस दौरान एक टीएमसी कार्यकर्ता की गोली लगने से मौत भी हो गई. कई कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं.
बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. वोटिंग से पहले नामांकन के दौरान राज्यभर से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. हिंसा की इन घटनाओं में कई लोग जान भी गंवा चुके हैं.
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा है इलाका
बताया जा रहा है कि दिनहाटा के जरीधल्ला में मंगलवार सुबह ये हिंसा फैली. यहां दो गुट आपस में भिड़ गए. इसके बाद गोलीबारी भी हुई. जानकारी के मुताबिक, 5 लोग गोली लगने से जख्मी हुए थे. इनमें से एक बाबू हक की मौत हो गई. यह स्थान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जिले के सबसे पास में है. यहां पहुंचने का साधन सिर्फ नाव है. हालांकि, पुलिस इलाके में पहुंच गई है.
इतना ही नहीं आशंका जताई जा रही है कि घटना में स्थानीय नेताओं द्वारा बांग्लादेशी अपराधियों का इस्तेमाल किया गया हो. हालांकि, अब स्थिति काबू में है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मुर्शिदाबाद में हुई थी हिंसा
इससे पहले सोमवार को पंचायत चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान मुर्शिदाबाद जिले के डोमकोल में हिंसा फैल गई थी. यहां प्रचार के दौरान तृणमूल और सीपीआईएम के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीपीआईएम के उम्मीदवार डोमकोल में प्रचार कर रहे थे. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने दावा किया कि विपक्षी भीड़ को उकसाकर माहौल खराब कर रहे हैं. इस बीच दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई. इस दौरान बम भी फेंके गए. फायरिंग भी की गई. इस दौरान टीएमसी के चार कार्यकर्ताओं भी जख्मी हो गए थे.
केंद्रीय सुरक्षाबल तैनात
पश्चिम बंगाल में हिंसा को देखते हुए विपक्षी पार्टियों ने केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की थी. कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने राज्य में सुरक्षाबलों की तैनाती की है. चुनावों के मद्देनजर राज्य में 800 से ज्यादा कंपनियां तैनात की जाएंगी.