scorecardresearch
 

Pegasus जासूसी की जद में दुनिया के वैज्ञानिक भी! लिस्ट में नाम आने पर क्या बोलीं वायरोलॉजिस्ट गगनदीप

इजरायल के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टैपिंग (Phone Tapping) की रिपोर्ट आने के बाद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इस लिस्ट में प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट ( Virologist) गगनदीप कांग (Gagandeep Kang ) का भी नाम सामने आया है. 

Advertisement
X
वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग.
वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेता और पत्रकारों के अलावा वैज्ञानिकों की भी जासूसी
  • वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग का भी नाम आया सामने
  • कालरा और टाइफाइड के वैक्सीन पर काम के लिए प्रख्यात हैं कांग

इजरायल के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टैपिंग (Phone Tapping) की रिपोर्ट आने के बाद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इजरायल की कंपनी NSO द्वारा बनाए गए स्पाईवेयर द्वारा लगभग 300 भारतीयों के फोन टैप होने की बात कही जा रही है. इस लिस्ट में पत्रकारों और राजनेताओं तक ही नाम सीमित नहीं है.

Advertisement

इस लिस्ट में प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट ( Virologist) गगनदीप कांग (Gagandeep Kang ) का भी नाम सामने आया है. कोरोना महामारी के दौरान कांग ने बेबाकी से अपनी बातें रखीं. कोरोना को लेकर भारत सरकार के रवैये पर भी वह मुखर रहीं.

पेगासस के जरिए फोन टैपिंग में गगनदीप कांग का नाम आने के बाद उनसे इंडिया टुडे ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि कोई यह क्यों जानना चाहेगा कि मैं क्या करती हूं. मैं डायरिया पर अध्ययन करती हूं जो मेरे ख्याल से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्रों में कई और ऐसे लोग हैं जो इसमें रुचि रखते हैं.

उनकी जासूसी किए जाने के कारणों पर कांग कहती हैं, हो सकता है कि इसका संबंध साल 2018 में उनकी तरफ से निपाह वायरस के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन सहयोग जुटाने से जुड़ा हो. हालांकि, इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी.

Advertisement

इसपर भी क्लिक करें- राहुल गांधी, प्रशांत किशोर के फोन को किया गया टैप, ये केंद्रीय मंत्री भी थे टारगेट पर: रिपोर्ट
 

इस दौरान वह Translational Health Sciences and Technology Institute (THSTI) के साथ काम कर रही थीं. यह फरीदाबाद का पब्लिक हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट है जो साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आता है. वह केरल में निपाह वायरस के प्रकोप की प्रतिक्रिया पर काम कर रही थीं और उन्होंने भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों से संक्रमितों के ब्लड सैंपल की मांग की थी, जिससे कि वे भविष्य में इस तरह के किसी भी प्रकोप के खिलाफ वैक्सीन विकसित कर सकें.

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि चिंता करने की जरूरत है या नहीं. मैं कुछ भी विवादित नहीं करती. मैं एक क्लीनिकल साइंटिस्ट हूं और पब्लिक हेल्थ रिसर्च पर काम करती हूं.

बता दें कि गगनदीप कांग लंदन में फेलो ऑफ रॉयल सोसाइटी (FRS) में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं. वह कालरा और टाइफाइड की वैक्सीन विकिसित करने के काम के लिए भी जानी जाती हैं. कांग का नाम सामने आने के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों की निजता और डाटा प्रोटक्शन पर भी सवाल उठने लगे हैं. 

 

  • क्या Pegasus फोन टैपिंग को लेकर आरोपों की जांच होनी चाहिए?

Advertisement
Advertisement