आंध्रप्रदेश की नई राजधानी विशाखापट्टनम होगी. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ये ऐलान किया. जगन मोहन रेड्डी मंगलवार को दिल्ली में इंटरनेशनल डिप्लोमेटिक एलायंस मीट शामिल होने पहुंचे थे.
जगन मोहन रेड्डी ने इंटरनेशनल डिप्लोमेटिक एलायंस मीट में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी को विशाखापट्टनम आने के लिए आमंत्रित करता हूं. यह हमारी राजधानी होगी. मैं भी विशाखापट्टनम शिफ्ट हो रहा हूं.
I invite you to our beautiful state for the Andhra Pradesh Global Investors Summit to be held on the 3rd & 4th of March in Visakhapatnam.
Experience the ease of doing business in our state and partake in our vibrant culture.
Welcome! #APGlS2023 #AndhraPradesh pic.twitter.com/i2WmrvpgV8— YS Jagan Mohan Reddy (@ysjagan) January 31, 2023
जगन मोहन रेड्डी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसका वीडियो भी शेयर किया. उन्होंने बताया कि 3-4 मार्च को विशाखापट्टनम में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को पर्सनली इसके लिए आमंत्रण देना चाहता हूं.
आंध्र में बिजनेस करना आसान- जगन मोहन रेड्डी
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, मैं आप सभी को और आपके साथियों को यह दिखाने के लिए आमंत्रित करता हूं कि आंध्र प्रदेश में बिजनेस करना कितना आसान है.
इससे पहले जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने 2020 में विधानसभा में राज्य के सभी इलाकों के समग्र विकास के लिए कानून पारित किया था. इस कानून में आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियों की बात कही गई थी.
इसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश की कार्यपालिका यानी सरकार विशाखापट्टनम से काम करेगी और राज्य विधानसभा अमरावती में होगी और हाईकोर्ट कुर्नूल में होगा.
2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बना था. तब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन में प्रावधान किया गया था कि हैदराबाद 10 साल तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की राजधानी रहेगी. इसके बाद आंध्र प्रदेश में राजधानी के लिए जगह खोजनी शुरू हुई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को नई राजधानी चुना था. 2015 में पीएम मोदी ने अमरावती के नई राजधानी के निर्माण के लिए बुनियाद रखी थी. इसके बाद तेजी से वहां विकास कार्य होने लगे.
लेकिन 2019 में राज्य में सत्ता बदली. जगन मोहन रेड्डी के सरकार में आने के बाद अमरावती में विकास कार्य रोक दिए गए. रेड्डी सरकार ने नई कमेटी का गठन किया. इसके बाद उन्होंने संकेत दिए थे कि उनकी सरकार तीन राजधानियों के मॉडल पर विचार कर रही है.