पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज बीरभूम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व भारती यूनिवर्सिटी के भगवाकरण का आरोप लगाया और कहा कि वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगीं. ममता ने कहा, 'क्या आपने उनका मानक देखा है. हमें विश्व भारती यूनिवर्सिटी पर गर्व था, लेकिन आज छात्र, शिक्षक और कर्मचारी रो रहे हैं. मुझे शर्म आती है कि इस विश्वभारती की स्थापना हमारे रवींद्रनाथ ठाकुर ने की थी.'
सीएम ममता ने कहा, मैं इन्हें बख्शूंगी नहीं. कोर्ट ने आदेश दिया है हम आदेश देखना चाहते हैं. तब हम आपको अपना निर्णय बताएंगे. यहां तक कि रवींद्रनाथ ठाकुर के अंतिम वंशज सुप्रियो ठाकुर भी आए हैं और पछता रहे थे कि उन्होंने मेरे आवास के सामने भी दीवार खड़ी कर दी है. वे इस विश्वविद्यालय का भगवाकरण कर रहे हैं. सीएम ममता ने कहा कि पीएम चांसलर हैं उन्हें इस पर गौर करना चाहिए. मैं इस मुद्दे पर पीएम को पत्र लिखूंगी.
यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जे को लेकर लगा है आरोप
दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर निकली हैं. उन्होंने सोमवार को ही बीरभूम जिले में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के पैतृक घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. ममता ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी विवाद पर अमर्त्य सेन का समर्थन किया था. बता दें कि विश्व भारती यूनिवर्सिटी के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने अमर्त्य सेन पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की भूमि में अतिक्रमण का आरोप लगाया है, जिसके बाद ममता ने खुलकर नोबेल पुरस्कार विजेता का समर्थन किया.
अमर्त्य सेन को जेड प्लस सुरक्षा
ममता ने बीरभूम में अमर्त्य सेन के आवास के बाहर पुलिस कैंप लगाने का आदेश दिया है. ममता ने जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा का आदेश दिया है. सोमवार को हुई मुलाकात में ममता ने नोबेल पुरस्कार विजेता को व्यक्तिगत रूप से राज्य सरकार के भूमि रिकॉर्ड सौंपे, उसके बाद कहा कि उनका (VC) आरोप है कि उन्होंने (अमर्त्य सेन) विश्व भारती की जमीन पर अवैध कब्जा किया है, यह सरासर गलत है. मैं दुखी हूं.
'BJP कर रही अपमानित'
सीएम ममता ने कहा कि मुझे सरकारी भूमि अभिलेखों से सभी विवरण मिल गए हैं. यह मुख्य दस्तावेज है. कोलकाता वापस जाने के बाद हम कानूनी कार्रवाई का अगला रास्ता तय करेंगे. हम ऐसा अपमान क्यों सहें. मैं सिर्फ जमीन के मूल दस्तावेज सौंपने के लिए उनके पास जाना चाहती थी. बीजेपी को इस तरह उनका अपमान करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.