scorecardresearch
 

बीजेडी के अगले कदम को लेकर चुप हैं पांडियन, क्या तमिल बाबू संभालेंगे नवीन पटनायक की विरासत...?

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी वी.के. पांडियन के वीआरएस लेने पर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. पटनायक मूल रूप से गंजम जिले के रहने वाले हैं. पांडियन, 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में पदस्थ हुए, और तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे.

Advertisement
X
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ में पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ में पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी वी.के. पांडियन ने सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है. राज्य के सबसे शक्तिशाली पूर्व आईएएस अधिकारी पांडियन को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं लेकिन उन्होंने अपने भविष्य के कदम को लेकर चुप्पी साध ली है.  

Advertisement

सत्तारूढ़ बीजद की गंजम इकाई ने बुधवार को कहा कि पूर्व नौकरशाह (पांडियन) अगर 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो गंजम जिले के 13 विधानसभा सीटों में से किसी भी सीट से चुनाव जीत सकते हैं.  बीजद के गंजाम जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक रमेश चंद्र च्याउ पटनायक ने कहा, 'अगर पांडियन गंजम की 13 सीटों में से किसी से भी चुनाव लड़ते हैं तो जीतेंगे. लेकिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तय करेंगे कि टिकट किसे मिलेगा.'

2000 बैच के IAS अधिकारी हैं पांडियन

पांडियन, ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. पांडियन गंजम के जिला कलेक्टर के रूप में कार्य करते हुए सुर्खियों में आए. इसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2011 में उन्हें अपना निजी सचिव नियुक्त किया. 2000 बैच के आईएएस अधिकारी ने सीएमओ में मुख्यमंत्री के पीएस और सचिव के रूप में भी काम किया.

Advertisement

आश्चर्य की बात यह है कि वीके पांडियन, जो कुछ साल पहले तक कैमरे से दूर रहते थे वो आजकल सुर्खियों में छाए हुए हैं. सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों में से, वह केवल इंस्टाग्राम पर मौजूद है - एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म जिसका संबंध फ़ोटो और वीडियो से है - और उनके दस लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं.

ये भी पढ़ें: नवीन पटनायक के पावरफुल IAS अफसर ने लिया VRS, बीजद में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी! 

मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

नवीन पटनायक के निजी सचिव पांडियन को ओडिशा का सत्ता केंद्र कहा जाता है. कहा जाता है कि चाहे वह राज्य प्रशासन हो या पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी), पांडियन की मंजूरी के बिना कुछ भी नहीं चलता. बीजद विधायक रमेश चंद्र च्याउ पटनायक ने कहा कि मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक तय करेंगे कि पूर्व आईएएस अधिकारी पार्टी में शामिल होंगे या नहीं. पांडियन के इस्तीफे के एक दिन बाद, राज्य सरकार ने उन्हें 24 अक्टूबर को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5टी और नबीन ओडिशा पहल का अध्यक्ष नियुक्त किया था. 

सांसद खुलकर समर्थन में

इस बीच, बीजद के तीन राज्यसभा सांसद - मानस मंगराज, सुजीत कुमार और अमर पटनायक - खुलकर पांडियन के समर्थन में सामने आए हैं और ओडिशा के लोगों के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की है.सुजीत कुमार ने जहां पांडियन को एक अच्छा प्रशासक बताया, वहीं मंगराज ने कहा, 'पांडियन की देखरेख में ओडिशा विकास के शिखर पर पहुंचा है. वह यथार्थवाद और प्रतिबद्धता का एक आदर्श संयोजन हैं.'

Advertisement

एक अन्य राज्यसभा सांसद अमर पटनायक ने एक्स पर लिखा, 'हालांकि मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि किसी के लिए भी आईएएस की बेहद सम्मानजनक नौकरी छोड़ना एक कठिन निर्णय है, खासकर जब रिटायर होने में कई साल बाकी हों, ऐसा लगता है कि उन्होंने (पांडियन) यह फैसला केवल ओडिशा और राज्य के लोगों की सेवा के लिए है लिया है. सलाम!'

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि पांडियन को बीजद के नेताओं द्वारा स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन ओडिशा के लोगों द्वारा नहीं किया जा सकता है.भाजपा प्रवक्ता गोलक नायक ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से सरकारी सेवा से पांडियन के इस्तीफे की मांग कर रही थी क्योंकि वह अखिल भारतीय सेवा नियमों को तोड़कर राजनीति कर रहे हैं. एक दिन पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा था, 'पांडियन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद वह अध्याय (पांडियन का एक सरकारी कर्मचारी होते हुए राजनेता की तरह काम करना) अब बंद हो गया है.'

इस बीच, पांडियन के अगले कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं. बीजद के कई नेता भी निश्चित नहीं हैं कि पूर्व नौकरशाह सत्तारूढ़ क्षेत्रीय पार्टी में कब शामिल होंगे. पांडियन एक तमिल हैं, उन्होंने अपनी आईएएस बैचमेट सुजाता से शादी की, जो ओडिशा के केंद्रपाड़ा से हैं.

Advertisement

पटनायक के उत्तराधिकारी !

नवीन पटनायक अब 77 साल के हो गए हैं और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से भी उन्हें जूझना पड़ रहा है. चूंकि नवीन पटनायक ने शादी नहीं की,  ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? बीजद ने अब तक उत्तराधिकार योजना का खुलासा नहीं किया है और ना ही किसी को अगले नेता के रूप में पेश किया है. वरिष्ठ पत्रकार दिलीप बिसोई IndiaToday.in को बताते हैं कि किसी राजनीतिक उत्तराधिकारी का नाम बताना हमेशा जरूरी नहीं होता है, उन्होंने बताया कि कैसे बीजू पटनायक ने किसी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित नहीं किया था और न चाहते हुए भी नवीन पटनायक ने पदभार संभाला था.

बिसोई कहते हैं, 'नवीन बाबू बार-बार कहते रहे हैं कि लोग तय करेंगे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा.' यह दिखाई दे रहा है कि पूर्व नौकरशाह पांडियन अपनी दूसरी पारी - एक राजनेता के रूप में - के लिए तैयार हैं और नवीन बाबू ने उनके लिए मैदान की व्यवस्था कर दी है. बिसोई कहते हैं, 'सीएम की ओर से वीके पांडियन सीएम के मामलों को संभाल रहे हैं. जिस तरह की जिम्मेदारी और प्रतिक्रिया उन्हें मिली है वह प्रेरणादायक है. लोगों के बीच यह धारणा है कि उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है.'

Advertisement

क्या पांडियन को ओडिशा के लोग स्वीकार करेंगे?
लगभग 40 वर्षों तक ओडिशा की राजनीति को कवर करने वाले पत्रकार राजाराम सतपथी को इसमें कोई संदेह नहीं है कि पांडियन को अगले बीजद प्रमुख के रूप में पेश किया जा रहा है.राजाराम सतपथी कहते हैं, 'वीके पांडियन को अगले बीजेडी प्रमुख के रूप में पेश किया जा रहा है. वह सफल होंगे या नहीं, उन्हें ओडिशा के लोग स्वीकार करेंगे या नहीं, यह बिल्कुल अलग सवाल है.'

वीके पांडियन तमिल हैं. क्या ओडिशा की जनता उन्हें अपना नेता स्वीकार करेगी? इस पर सतपथी कहते हैं, 'बीजद के अन्य नेताओं ने पार्टी में उनकी भूमिका पर सवाल नहीं उठाया है. जहां तक आम जनता की बात है, उनकी स्वीकार्यता का अभी तक परीक्षण नहीं किया गया है. 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका पता चलेगा.' ओडिशा में 2024 में आम चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे.

नवीन पटनायक को जनता का इतना समर्थन मिला है कि वह 2000 से ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं. कि नवीन पटनायक बड़े पैमाने पर राज्य का दौरा नहीं कर रहे हैं, इसलिए पांडियन उनकी जगह ले रहे हैं.बिसोई कहते हैं, पांडियन को मुख्यमंत्री के प्रॉक्सी के रूप में देखा जाता है.बिसोई का कहना है कि विकासात्मक परियोजनाओं में पांडियन की सीधी भागीदारी के कारण आम जनता द्वारा भी उनका खूब स्वागत किया जा रहा है. वहीं शतपथी भी इस बात से सहमत हैं कि पांडियन ने राज्य में जन-समर्थक छवि बनाना शुरू कर दिया है.
 

Live TV

Advertisement
Advertisement