AIADMK की पूर्व महासचिव वीके शशिकला ने पार्टी में चल रहे संकट के बारे में बात की है. साथ ही कहा कि वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले राज्यव्यापी दौरे पर जाएंगी. दिवंगत जयललिता की विश्वासपात्र और करीबी शशिकला ने आजतक को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में कहा कि AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं है.
शशिकला ने कहा कि एक पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं की ताकत जरूरी है और इसे केवल 100 या 200 खास लोगों द्वारा नहीं चलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द सभी एक साथ काम करेंगे और हमारी पार्टी के पुराने गौरव को वापस लाएंगे. हम सभी 2024 के चुनावों के लिए मिलकर लड़ेंगे. इस दौरान शशिकला ने आजतक से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.
सवालः आपकी बहन जयललिता की 75वीं जयंती पर आपकी मन: स्थिति क्या रही?
शशिकला: जहां तक मेरा सवाल है, मुझे ऐसा नहीं लगता कि अब जयललिता हमारे बीच नहीं है. वह आज भी मेरे साथ हैं. सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु का ऐसा कोई घर नहीं है, जहां हर रोज अम्मा (जयललिता) को याद नहीं किया जाता हो. हर कोई उन्हें मां या बहन समझता है. इसलिए वह अभी भी हमारे साथ हैं. वह तमिलनाडु के लोगों के साथ हैं और वह अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं के साथ हैं.
सवालः AIADMK मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक बहुत ही अहम आदेश आया था. आपको इसके बारे में क्या कहना है?
शशिकला: जहां तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बात है, तो यह उन दोनों (EPS और OPS) के बीच की खींचतान को लेकर है. इसलिए कोर्ट ने आदेश दिया है. आदेश लगभग 80 पेज का है. सिविल कोर्ट में मेरी याचिका और उनके मामले के बीच कोई संबंध नहीं है.
सवाल: क्या आपको लगता है कि आज अन्नाद्रमुक सुरक्षित हाथों में है?
शशिकला: बिल्कुल नहीं. किसी पार्टी के लिए उसके कार्यकर्ताओं की ताकत मायने रखती है. 100-200 लोगों का ग्रुप पार्टी नहीं चला सकता. हर ग्रामीण क्षेत्र में जब से थलाइवर MGR ने इस पार्टी की शुरुआत की है, तब से लोग पार्टी के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं. इन सभी के लिए AIADMK अपनी मां के घर जैसा है. मैं पिछले 40 साल से यह देखती आ रही हूं.
थलाइवर ने तमिलनाडु के लोगों के लिए इस पार्टी की शुरुआत की और उन्हें अच्छी योजनाएं दीं. इन्हीं सब के चलते लोग उन्हें पसंद करते थे. जब अम्मा को राजनीति में लाया गया, तो थलाइवर ने उनसे कहा कि वे हर चीज़ का ख्याल रखें जैसे उन्होंने किया- पार्टी कार्यकर्ताओं और राज्य के लोगों का ख्याल रखें. अम्मा भी कहती रहीं कि वो सब करेंगी, जो थलाइवर MGR ने उन्हें बताया है.
अम्मा ने जब से पदभार ग्रहण किया, तब से उन्होंने गरीबों और दलितों के सामने आने वाली समस्याओं को समझा, जबकि उनके पास ऐसा कुछ नहीं था. लेकिन वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ थीं. इसलिए अम्मा हमेशा लोगों के बीच वहां रहना चाहती थीं और उनके लिए सब कुछ करना चाहती थीं. जब से मैं उसके साथ थी, तबसे मैंने भी उसी रास्ते का अनुसरण किया है.
मैं अब सोचती हूं कि अब भी बहुत सी चीजें करने की जरूरत है. जब भी हम (वह और जयललिता) बात करते थे, तो उन चीजों के बारे में चर्चा करते थे जो हमने की हैं और जिन चीजों को करने की जरूरत है. मेरी इच्छा उन चीजों को खत्म करने की है, जो वह पीछे छूट गई हैं. इसलिए तमाम झगड़ों के बावजूद मैं पार्टी को एकजुट करने की कोशिश कर रही हूं. मैं चाहती हूं कि पार्टी एकजुट हो, क्योंकि यह तमिलनाडु के लोगों की सुरक्षा के लिए है. यह निश्चित रूप से होगा.
सवाल: OPS ने कहा है कि वह आपसे बहुत जल्द मिलेंगे.
शशिकला: निश्चित रूप से. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे मुझसे अलग हो गए हैं. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. अम्मा के पक्ष में खड़े होकर मैं उन सभी को अपना परिवार मानता हूं. एक मां के लिए उसके सभी बच्चे बराबर होते हैं. एक बच्चा गुस्सैल हो सकता है, दूसरा शायद अधिक मधुर. हमारी कोशिश सभी को साथ लेकर चलना है. इस प्रकार का प्रेम स्त्री की विशेषता है. DMK को अम्मा एक बुरी ताकत कहती थीं. अम्मा ने सच्चाई के साथ और सच्चे तरीके से काम किया, लेकिन मुझे निश्चित रूप से पता है कि DMK ऐसी नहीं है. इसलिए हमें लोगों की रक्षा करने और उन्हें सही रास्ता दिखाने की जरूरत है. इसलिए यह पार्टी तमिलनाडु के लिए इतनी महत्वपूर्ण है. हम ऐसा जरूर करेंगे. अम्मा की 75वीं जयंती पर मैं यही सोचती हूं.
सवाल: 2024 का चुनाव अगली बड़ी चुनौती है, उससे पहले क्या AIADMK के सभी धड़े आएंगे साथ?
शशिकला: निश्चित रूप से हम ऐसा करेंगे. अम्मा जब केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हुआ करती थीं, तो उन्होंने तमिलनाडु के लोगों की चाहत से कभी समझौता नहीं किया. लेकिन हर कोई जानता है कि उनके लिए पद कभी भी महत्वपूर्ण नहीं रहा. हम चुनाव जीतेंगे और लोगों की जरूरतों को आवाज बनेंगे.
सवाल: तो क्या आपको लगता है कि मौजूदा नेता (EPS) सोचते हैं कि उनका पद ज्यादा महत्वपूर्ण है?
शशिकला: ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं यही कहना चाहती हूं कि पद ऐसी चीज नहीं है जिसके बारे में हम सोचें और वह हमें मिल जाए. एक पद का मतलब तभी होता है जब आपको सभी का प्यार और सम्मान मिले. केवल यही नेतृत्व के लिए अच्छा होगा.