उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नीतियों के विकास में मदद करेगा जिससे बड़े मुद्दों का समाधान होगा. उन्होंने कहा कि महिलाएं संसद और देश के आर्थिक विकास की रीढ़ हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज के छात्रों को संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही देखने के लिए आमंत्रित करते हुए उन्होंने टिप्पणी की.
राज्यसभा के सभापति मिरांडा हाउस की प्लैटिनम जुबली के अवसर पर 'भारतीय संसद में महिलाओं की भूमिका' विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि संसद में महिलाओं की भूमिका बहुत बड़ी है और उनकी उपस्थिति अपने आप में विधानमंडलों में माहौल को उत्साहित कर देगी. विधायिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में कम से कम एक-तिहाई सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो जाएंगी.
'भारत ने महिला आरक्षण पारित करके इतिहास रचा'
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने इस साल 21 सितंबर को नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक पारित करके इतिहास रचा, जो अब कानून बन गया है. उन्होंने इस कदम को 'युगांतकारी' बताया और कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि भारत 2047 में परम वैभव पर हो. गौरतलब है कि 2047 में भारत अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा. उपराष्ट्रपति ने लगातार सात वर्षों तक नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में पहला स्थान हासिल करने के लिए मिरांडा हाउस कॉलेज की प्रशंसा की. इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह और डीन ऑफ कॉलेजेज बलराम पाणि भी शामिल हुए.
'महिलाएं संसद और हमारे आर्थिक विकास की रीढ़ हैं'
उन्होंने कहा, 'नए भवन में 21 सितंबर को संसद के एक विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने से इतिहास बन गया. वह दिन हिंदू तिथि के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के साथ मेल खाता था.' उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, 'महिलाएं संसद और हमारे आर्थिक विकास की रीढ़ हैं. उनकी मौजूदगी के बिना देश सफलतापूर्वक नहीं चल सकता.' उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं पर 15 दिवसीय पाठ्यक्रम के लिए मिरांडा हाउस से पांच इंटर्न को आमंत्रित किया.