अगले कुछ महीनों में भारत में वीवीआईपी विदेशी मेहमानों की कतार लगने वाली है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत यूक्रेन संकट, खाद्य संकट और दुनिया की ऊर्जा जरूरतों पर इन देशों के साथ बड़े कूटनीतिक फैसले लेना वाला है.
यही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का दौरा तो बेहद खास रहने वाला है. इस दौरान भारत इंडियन नेवी के लिए लड़ाकू विमान राफेल का मैरीन वर्जन खरीदने के लिए फ्रांस के साथ बातचीत को आगे बढ़ाएगा.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरे का मुख्य फोकस इन देशों के साथ भारत के ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, रक्षा उत्पादन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में संबंधों का प्रगाढ़ करना है.
इन राष्ट्राध्यक्षों के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य मेहमान होंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
सूत्रों ने बताया कि सभी वीवीआईपीज के दौरों में यूक्रेन संकट एजेंडे में मुख्य रूप से छाया रहेगा. यूक्रेन संकट पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भारत से उम्मीदें लगाए बैठा है. इसके अलावा यूक्रेन संकट यूरोप समेत दुनिया की खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज फरवरी में भारत आ सकते हैं. ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज का दौरा मार्च में प्रस्तावित है. फ्रांस के राष्ट्रपति का दौरा मार्च के पहले सप्ताह में संभावित है, लेकिन उनकी यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है. रिपोर्ट है कि यात्रा की तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है अथवा जरूरत पड़ने पर इसे जल्दी भी किया जा सकता है.
राफेल एयर फाइटर के बाद राफेल मरीन पर भारत की नजर
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दौरे के दौरान रक्षा और रणनीतिक सहयोग एजेंडे में टॉप पर रहने वाला है. बता दें कि हवा में मार करने वाले लड़ाकू विमान राफेल को फ्रांस से खरीदने के बाद अब भारत नौसेना के लिए भी ऐसा ही लड़ाकू विमान चाहता है. खबर है कि इस रेस में फ्रांस का फाइटर जेट राफेल अमेरिकन F/A-18 सुपर हॉरनेट से आगे चल रहा है. अरबों डॉलर के इस सौदे में फ्रांस की खास दिलचस्पी है. रिपोर्ट के अनुसार भारत को 26 डेक आधारित फाइटर जेट की जरूरत है.
फ्रांस ने अपने एक राफेल मरीन को भारत भेजा है. इंडियन नेवी इस फाइटर जेट की खासियतों का जायजा भी ले चुकी है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत मैक्रों की यात्रा के दौरान राफेल जेट के मरीन वर्जन की खरीद को पक्का करने की घोषणा कर सकता है. हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बॉन ने पिछले सप्ताह भारत की यात्रा की थी और राष्ट्रपति मैक्रों की यात्रा के लिए जरूरी तैयारी की थी. इनस दौरान उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से लंबी बातचीत की थी.
इमैनुएल बॉन की पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात हुई थी.
चांसलर बनने के बाद स्कोल्ज की पहली भारत यात्रा
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की प्रस्तावित भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ग्रीन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है.
दिसंबर में, जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक ने स्कोल्ज की लंबे समय से प्रस्तावित यात्रा की तैयारी के लिए दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर आए थे. इससे पहले इंडोनेशिया के बाली में जी-20 मीटिंग के दौरान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. बता दें कि दिसंबर 2021 में पद संभालने के बाद ये स्कोल्ज की पहली भारत यात्रा होगी.
ऑस्ट्रेलिया के साथ समुद्री सुरक्षा पर मंथन
अगर ऑस्ट्रेलिया के साथ बीतचीत के एजेंडे पर बात करें तो कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार व्यापार, समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग अहम मुद्दा रहने वाला है. पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध प्रगाढ़ हुए हैं. भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) पिछले महीने लागू हुआ और उम्मीद है कि इससे दो-तरफा व्यापार का महत्वपूर्ण विस्तार होगा. खास बात ये है कि जर्मन चांसलर स्कोल्ज की तरह पीएम अल्बानीज का भी पद संभालने के बाद भारत का ये पहला दौरा होगा.
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी के अलावा आगे कुछ महीनों में कई और वीवीआईपी भारत आने वाले हैं.
मार्च में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में मीटिंग
इस साल भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. दुनिया में भारत की दमदार मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए भारत इस मौके का भरपूर इस्तेमाल करने वाला है. मार्च 1 और 2 को जी-20 देशों के विदेश मंत्री दिल्ली में होंगे. इस दौरान भी अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
इसके बाद 2 मार्च से दिल्ली में रायसीना डायलॉग है. रायसीना डायलॉग जियो पॉलिटिक्स और जियो इकोनॉमिक्स पर भारत का शक्तिशाली वैश्विक मंच है.
प्रचंड और प्रिंस सलमान भी कतार में
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के भी अगले कुछ महीनों में भारत आने की संभावना है.
गल्फ देशों की बात करें तो भारत और सऊदी अरब के अधिकारी सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान की नई दिल्ली की द्विपक्षीय यात्रा पर भी विचार कर रहे हैं.