केंद्र सरकार संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है. लेकिन इस विधेयक पर विपक्ष का विरोध जारी है. इस बीच ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हम गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में रह रहे हैं. यहां विभिन्न संस्कृतियों के लोग मिलजुलकर रह रहे हैं और यही हमारी ताकत है.
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने ये सुनिश्चित किया है कि 'सौगात-ए-मोदी' देश के 22 लाख लोगों तक पहुंचे. मेरा मानना है कि वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत है. उम्मीद है कि इस बिल से पारदर्शिता आएगी. विरोध और समर्थन करना लोकतंत्र का हिस्सा है. संवैधानिक तरीके से अगर कोई विरोध कर रहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि वक्फ में बदलाव की जरूरत है.
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि संशोधन का मतलब यह कतई नहीं है कि मस्जिदें या संपत्तियां छिन जाएंगी. यह कहना गलत होगा. यह लोकतंत्र का हिस्सा है. सरकार को कोई जल्दबाजी नहीं है, जेपीसी में चर्चा के बाद बड़ी तसल्ली से यह बिल लाया गया है. सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने दावा किया कि उन्हें पूरा यकीन है कि संशोधन के बाद वक्फ के काम में पारदर्शिता आएगी और वक्फ की संपत्ति प्रोटेक्ट की जाएगी. अतिक्रमण हटेगा और वक्फ का किराया बढ़ेगा जो कौम के लिए काम आएगा.
उन्होंने कहा कि जहां कई मुस्लिम धर्मगुरु इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर आपत्ति जता रहा है. इस बिल के विरोध में काली पट्टी बांधने को क्यों कहा गया? संशोधित कानून तो अभी सदन में आया ही नहीं है. संशोधित कानून अभी नहीं आया है. पहले उसे आ जाने दीजिए, तब गुमराह कीजिए कि हमारी मस्जिद ले ली जाएगी. जब संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कह दिया कि हम कोई मस्जिद नहीं लेंगे, फिर भी इस तरह गुमराह कर रहे हो.
वहीं, बीजेपी सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि ये बिल वक्फ की बेहतरी के लिए है. इससे विवाद खत्म होगा. केरल की हजारों साल पुरानी चर्चा को वक्फ कह दिया. कई जगह की संपत्तियों को वक्फ को दे दिया. नई संसद को वक्फ की संपत्ति बता दिया. तो कहने का मतलब है कि इस बिल से ये विवाद खत्म होगा. बड़ी संख्या में मैलान भी इसके समर्थन में हैं.
पाल ने कहा कि आज मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी को सौगात-ए-मोदी के लिए धन्यवाद दे रहे हैं. हम सबका साथ, सबका विकास की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी और AIMPLB मुसलमानों को वोट बैंक की तरह देख रहे हैं और तुष्टीकरण कर रहे हैं.