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वसीम रिजवी के सनातन धर्म में शामिल होने पर क्या बोले मुस्लिम और हिंदू धर्मगुरु?

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुस्लिम धर्म को त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया. इसको लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान आया है. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी इस्लाम से पहले ही खारिज हो चुके थे और उनके खिलाफ फतवा भी दिया गया था. वसीम रिजवी के जो कारनामे थे, वह मुसलमान के नहीं थे.

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WASIM rizwi
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • वसीम रिजवी को लेकर क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरु
  • वसीम रिजवी ने अपनाया सनातन धर्म

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को मुस्लिम धर्म को त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया. इसको लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान आया है. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी इस्लाम से पहले ही खारिज हो चुके थे और उनके खिलाफ फतवा भी दिया गया था. वसीम रिजवी के जो कारनामे थे, वह मुसलमान के नहीं थे. वह गैर मजहब वाले सारे काम करते थे. इसलिए वह आजाद हैं, वह चाहें कोई भी धर्म अपनाएं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.

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इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा, 'देखिए वसीम रिजवी के सिलसिले में मैं यही कहूंगा कि हम उसको पहले से ही मुसलमान नहीं मानते थे. अगर वह अब धर्म परिवर्तन कर रहे हैं या किसी मजहब को अपना रहे हैं, हमें कोई एतराज नहीं है क्योंकि उन्होंने सिर्फ नाम मुसलमानों वाला रखा था. उसके जितने भी काम थे गैर मजहब वाले काम थे. आपने देखा कि सबसे पहले उन्होंने कुरान के बारे में 26 आयतों को हटाने की मांग की. यह जो इस्लाम का तरीका है, उसके खिलाफ है.    

इसके अलावा अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि पूर्व मुस्लिम धर्मगुरु वसीम रिजवी साहब का हिंदू सनातन धर्म स्वीकार करना स्वागत योग्य है. अखिल भारत हिंदू महासभा, संत महासभा उनका स्वागत करती है. वसीम रिजवी साहब अब हमारे हिंदू सनातन धर्म के अंग है कोई भी कट्टरपंथी उनके खिलाफ फतवा जारी करने के लिए दुसाहस ना करें, केंद्र और प्रदेश सरकार उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराए.

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