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जेवर एयरपोर्ट के लिए विस्थापित गांवों में भरा पानी, समाधान के लिए प्रशासन ने बनाई 4 सदस्यीय कमेटी

गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट मनीष वर्मा ने कहा कि हमें जेवर के कुछ गांवों में भारी बारिश के कारण लगातार जलभराव की सूचना मिली है. हमने पाया है कि कई जगहों पर जल निकासी की व्यवस्था अवरुद्ध है. हमने समस्याओं को ठीक करना शुरू कर दिया है, इस क्षेत्र से पानी कम होना शुरू हो गया है.

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जेवर एयरपोर्ट (फाइल फोटो)
जेवर एयरपोर्ट (फाइल फोटो)

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के चलते विस्थापित हुए गांवों में पिछले 5 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पानी भरा है. इसे लेकर स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह की यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, PWD और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से फोन पर तीखी बहस के बाद प्रशासन ने 5 सदस्यीय समिति गठित कर दी है. बता दें कि इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

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जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि गांवों में बारिश के पानी के जमा होने की शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों की प्रतिक्रिया बहुत ही सुस्त है. इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. अगर क्षेत्र में जलभराव की समस्या है, तो संबंधित सभी अधिकारियों को तत्काल इसका समाधान करना चाहिए. ग्रामीणों को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते.

उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद गांवों में पानी की निकासी और नालियों को साफ करने का काम शुरू हो गया है. गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट मनीष वर्मा ने कहा कि हमें जेवर के कुछ गांवों में भारी बारिश के कारण लगातार जलभराव की सूचना मिली है. हमने पाया है कि कई जगहों पर जल निकासी की व्यवस्था अवरुद्ध है. हमने समस्याओं को ठीक करना शुरू कर दिया है, इस क्षेत्र से पानी कम होना शुरू हो गया है. एक-दो दिन में गांवों से सारा पानी निकल जाएगा.

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बता दें कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तेजी से आकार ले रहा है और इसका एक रनवे पहले ही बनकर तैयार होने वाला है. 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी. 3.9 किलोमीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा यह रनवे फिलहाल विकास के अंतिम चरण में हैं.

ये हैं नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की विशेषताएं

1. भारत में अपनी तरह का पहला: नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जिसे मल्टी-कार्गो परिचालन के लिए डिजाइन किया गया है और जो शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करेगा. 
2. छह रनवे: इस एयरपोर्ट पर छह रनवे होंगे, जबकि दिल्ली हवाई अड्डे पर तीन रनवे हैं. 
3. विमान पार्किंग: हवाई अड्डे पर एक साथ 178 विमान पार्क करने की क्षमता होगी. 
4. निवेश और लागत: निर्माण की कुल अनुमानित लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये है और 35,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश प्रस्तावित है. 
5. यात्री क्षमता: शुरुआत में एयरपोर्ट में प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 20 लाख यात्रियों को संभालने की उम्मीद है और 2040-50 तक क्षमता को 7 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाने की योजना है. 
6. स्टैंड: एयरपोर्ट पर 186 विमान स्टैंड होंगे.

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