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'फासीवाद हमारे दरवाजे तक पहुंच गया...', राहुल गांधी की सांसदी गई तो क्या बोले वायनाड के वोटर्स

राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद केरल के वायनाड में भी कई लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के पुलपल्ली क्षेत्र के किसान मार्कोस पी यू ने कहा, 'फासीवाद हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है. भले ही अदालत ने अपील दायर करने के लिए समय दिया हो, लेकिन इतनी जल्दबाजी में सांसद को अयोग्य करार दिया गया.'

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. कई लोगों ने संसद से वायनाड के सांसद राहुल गांधी की अयोग्यता की निंदा की और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह फासीवाद के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाएगा. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के पुलपल्ली क्षेत्र के एक किसान मार्कोस पी यू ने न्यूज एजेंसी से कहा, "फासीवाद हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है."

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'फासीवाद हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है'

मार्कोस ने कहा "भले ही अदालत ने अपील दायर करने के लिए समय दिया हो, लेकिन इतनी जल्दबाजी में सांसद की अयोग्यता को देखिए". "मैं उनकी पार्टी का समर्थक नहीं हूं. लेकिन इससे पता चलता है कि फासीवाद हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है. लोग चिंतित हैं. कांग्रेस को कदम बढ़ाने की जरूरत है, यह लोकतंत्र को चुनौती देने के बराबर है."

'अदालती कार्रवाई में सरकारी हस्तक्षेप पर संदेह'
 
कनियामबट्टा निवासी और क्षेत्र में एक किसान संघ के पदाधिकारी ई पी फिलिपकुट्टी ने कहा कि सांसद की अयोग्यता राजनीतिक थी, और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को अदालती कार्रवाई में सरकारी हस्तक्षेप पर संदेह है. उन्होंने कहा, "यहां के लोगों को संदेह है कि उनके खिलाफ कार्रवाई एकतरफा है. देखते हैं कि उच्च न्यायालय क्या करता है."

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'ऐसा लगता है कि सरकार गांधी से डरती है'

एक सामाजिक कार्यकर्ता और कलपेट्टा के पास मडक्किमला निवासी विजयन ने कहा कि वायनाड से चार लाख से अधिक वोटों के भारी बहुमत से जीतने वाले गांधी के खिलाफ कार्रवाई "लोकतंत्र के खिलाफ कदम" थी. उन्होंने कहा "ऐसा लगता है कि सरकार गांधी से डरती है जिन्होंने लोगों के लिए आवाज उठाई. गांधी ने अपने भाषण में बड़ी धोखाधड़ी का जिक्र किया. मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से विनिवेश किया है और गांधी ने उन लोगों का नाम लिया जो इससे लाभान्वित हुए. अब, मोदी और शाह डरते हैं."  

'ये राहुल गांधी को चुप कराने के लिए था'

उन्होंने कहा कि यह घटना निंदनीय है और फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विपक्षी राजनीतिक दलों को एक साथ लाएगी. पुलपल्ली के एक अन्य किसान शाजी पनाचिक्कल ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया गांधी को चुप कराने के लिए था.

'बदले की राजनीति है ये'

पणचिक्कल ने कहा, "भले ही अदालत ने अपील दायर करने का समय दिया है, लेकिन सरकार ने घमंडी तरीके से गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया. यहv है. लोग देख रहे हैं." उन्होंने कहा कि लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे. इधर, वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी और वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने कहा कि भाजपा गांधी के खिलाफ बदले की राजनीति में लगी हुई थी.
 

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