मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ घंटों में बरसाना, रुद्रपुर और आस-पास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
Heavy to very heavy rainfall on 2-3 Sept in South Interior Karnataka, Kerala, Tamil Nadu with chances of flash floods in Upper Cauvery Basin during the next 24 hours. Most of the dams are having storage in excess of 90%, a close watch is to be maintained: Central Water Commission
— ANI (@ANI) September 2, 2020
02.09.2020: 1745 IST: Light intensity rain would occur over and adjoining areas of Barsana and Rudrapur during next two hours.
— India Met. Dept. (@Indiametdept) September 2, 2020
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, आंबेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, चित्रकुट, फिरोजाबाद, फतेहपुर और आस-पास के इलाकों में अगले 4-6 घंटों में बारिश होने की संभावना है.
02.09.2020: 1545 IST: Light intensity rain/drizzle would occur over and adjoining areas of Barsana, Deeg, Bharatpur, Mathura, Hathras, Khair, Bayana and isolated places of South-west Delhi during next two hours.
— India Met. Dept. (@Indiametdept) September 2, 2020
बुधवार को मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और दिल्ली का तापमान 25 डिग्री से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तक रहा. वहीं बेंगलुरु में 22.2 डिग्री और पुणे में 23.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने बेंगलुरु में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में अगले 5 दिनों तक बारिश की संभावना है.
बुधवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में बारिश हुई. मौसम विभाग के मुताबिक यहां आज और कल भारी बारिश हो सकती है.
Rain lashes Tamil Nadu's Rameswaram town pic.twitter.com/enV20OwzV5
— ANI (@ANI) September 2, 2020
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो घंटों के दौरान कोसली के आसपास के क्षेत्रों में मध्यम बारिश होगी और सिकंदराराऊ, कासगंज, हाथरस, अलीगढ़, अतरौली, टूंडला, आगरा, मथुरा, भरतपुर के आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश होगी.
Thunderstorm with moderate intensity rain would occur over and adjoining areas of Kosli & light rain over and adjoining areas of Sikandrarao, Kasganj, Hathras, Aligarh, Atrauli, Tundla, Agra, Mathura, Bharatpur during next two hours: India Meteorological Department (IMD) pic.twitter.com/tV732tcw9c
— ANI (@ANI) September 2, 2020
कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में बुधवार और शुक्रवार को भारी बारिश हो सकती है.
Karnataka: India Meteorological Department (IMD) issues yellow alert in view of heavy rainfall expected to occur in Bengaluru and neighbouring areas today and tomorrow. pic.twitter.com/zhLNbAMefD
— ANI (@ANI) September 2, 2020
दिल्ली की हवा गुणवत्ता में सुधार आया है. यह 'अच्छी' श्रेणी में दर्ज की गई. विशेषज्ञ इसके पीछे की वजह हवा की अनुकूल स्थित और पिछले महीने हुई अच्छी बारिश बता रहे हैं. शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज की गई. वायु सूचकांक 0-50 के बीच सुरक्षित माना जाता है. इसके बाद 51-100 संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बेहद खराब और 401-500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है. वायु गुणवत्ता को 500 से ऊपर न केवल गंभीर वाला बल्कि आपात स्थिति वाला माना जाता है.
बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी का कहर करीब डेढ़ महीने से जारी है. अब तक जिले की बड़ी आबादी बाढ़ के संकट से जूझ रही है. हालात ये हैं कि लोगों को अभी भी सुरक्षित ठिकानों पर ही जीवन गुजारना पड़ रहा है. क्योंकि उनके घरों से बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा. हालात ये हैं कि लोग सड़क पर ही आशियाना बनाकर दिन काट रहे हैं. अभी तक प्रशासन की ओर से इन्हें मदद नहीं मिला है.
छिंडवाड़ा जिले में भी बाढ़ से हालात बदतर हैं. वहां एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी तो लोगों ने उसे खटिया की मदद से नदी पार कराया. फिर उसे उस्पताल पहुंचाया गया. इलाके के लोगों के लिए और कोई दूसरा साधन नहीं जिससे वे नदी को पार कर पाएं. पुल पानी में डूबे हुए हैं. गाड़ियों की आवाजाही बंद है.यहां कोई मदद नहीं पहुंच रही है.
मध्य प्रदेश में बाढ़ का गंभीर असर दिख रहा है. खरगोन में नानी नदी उफान पर है. हालात ये हैं कि किसानों को उफनती नदी रस्सी के सहारे पार करना पड़ रहा है. जान जोखिम में डालकर किसान खेतों में पहुंच रहे हैं. इलाके के लोग 20 साल तक पुलिया बनाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. लेकिन अब तक इनकी सुनवाई नहीं हुई है. नतीजा है कि रस्सी के सहारे ही नदी को पार करने के लिए किसान मजबूर हैं.
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में वैनगंगा नदी का कहर हजारों लोगों पर टूटा है. हालांकि अब बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों से उतरना शुरू हो गया है. लेकिन नदी कई मकानों को ध्वस्त कर चुकी है. लोगों के घरों में रखा सामान बर्बाद हो गया है. यहां एक मजदूर परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जमा कर रखे थे लेकिन बाढ़ के पानी में वो भी गल गए. इलाके में सैकड़ों एकड़ फसल को भी नुकसान पहुंचा है जिससे कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान परेशान हैं.
यूपी के आजमगढ़ में घाघरा नदी पर बना रिंग बांध टूट जाने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. करीब 100 मीटर तक बांध टूट जाने से नदी का पानी तेजी से रिहायशी इलाकों में भर रहा है. सैकड़ों एकड़ फसल भी बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो चुकी है. प्रशासन ने बांध की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है.
धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस नदी के खतरे का निशान 129.79 मीटर है. जबकि फिलहाल पानी का स्तर 134.20 मीटर तक पहुंच चुका है. यानि खतरे के निशान से करीब साढ़े चार मीटर उपर. इससे हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. उनका संपर्क भी कट गया है. रविवार को ही गांधीसागर बांद से चंबल नदी में पानी छोड़ा गया था. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 70 गांवों में संकट गहरा सकता है.
गुजरात के जूनागढ़ में भी बाढ़ से स्थिति बिगड़ती जा रही है. वहां 75 से ज्यादा गांवों में बाढ़ से तबाही मची है. अब तक 70 लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा चुका है. लेकिन जूनागढ़ के सरोद गांव में एक बीमार शख्स की बाढ़ की वजह से ही मौत हो गई. दरअसल बाढ़ के हालात बिगड़ने की वजह से प्रशासन की ओर से सही वक्त पर उस पीड़ित तक मदद नहीं पहुंच पाई. ग्रामीणों ने जैसे तैसे उसे खाट के सहारे नदी को पार कर अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में भी हालात गंभीर है. बाढ़ का पानी गांवों में घुस चुका है. सड़कों पर भी पानी ही पानी है. गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से ये आफत टूटी है. नदियों के किनारों पर बसे मकानों में खतरा मंडराने लगा है. लोग जान बचाने के लिए अपना आशियाना छोड़ने पर मजबूर हैं.
यूपी के लखीमपुर खीरी में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश के बाद घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में नदी की उफनती लहरों की वजह से किनारों पर काफी कटान हो रहा है. इसका असर वहां बसे घरों पर दिख रहा है. घाघरा नदी के पानी में हजारों एकड़ जमीन डूब गई है. जबकि बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है.