पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता कबीर शंकर बोस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया. अदालत ने चार सप्ताह में राज्य सरकार से जवाब तलब किया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बोस के खिलाफ चल रही उस एफआईआर कि कार्रवाई पर रोक लगा दी, जो टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी की ओर से दर्ज करायी गई है.
जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि सीआईएसएफ ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की थी, पीठ उसको ध्यान में रखते हुए बोस के खिलाफ चल दर्ज आपराधिक एफआईआर पर अंतरिम रोक लगाई जा रही है. बोस ने याचिका में कोर्ट से इस घटना की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से नहीं बल्कि सीबीआई, विशेष जांच दल या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है.
बीजेपी नेता कबीर शंकर बोस का कहना.है कि पिछले साल 6 दिसंबर को रैली के दौरान कथित झड़प से संबंधित घटना के सिलसिले में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उल्टे उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जबकि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके ऊपर हमला किया था. बोस ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाने मांग की थी.
बीजेपी नेता कबीर शंकर बोस ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में वह और उनके साथ चल रही सीआईएसएफ की टुकड़ी पर उनके घर के बाहर ही रात में करीब आठ बजे हमला हुआ और सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवानों उनकी जान बचाई, लेकिन स्थानीय टीएमसी के.सांसद कल्याण बनर्जी के.दबाव में पुलिस ने उलटे उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया.