पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के विरोध में धरने पर बैठने जा रही हैं. यह धरना 29 और 30 मार्च को होगा. बंगाल सीएम केंद्र सरकार से बकाया भुगतान न मिलने का विरोध कर रही हैं.
सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि सिर्फ पश्चिम बंगाल ही है, जिसे इस साल भी 100 दिन के काम के लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया है. उन्होंने दावा किया है कि प्रधानमंत्री से मिलने के बावजूद फंड नहीं आया.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह करीब छह महीने पहले प्रधान मंत्री से मिली थीं. उन्होंने कई मदों के तहत 1.15 लाख करोड़ रुपए के वितरण के लिए कहा था. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से भी बात करने का दावा किया. सीएम ने कहा कि जब वह बैठक के लिए आए थे तब उन्होंने शाह से बात की थी. ममता ने इस संबंध में केंद्र सरकार को कई पत्र लिखने का भी दावा किया.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर राशि रोक रही है. वे (बीजेपी) केंद्रीय दल भेज रहे हैं. कुछ मुद्दे बना रहे हैं. ईडी और सीबीआई के निदेशक उनके इशारे पर भाजपा के स्थानीय नेताओं की तरह काम कर रहे हैं. देश इस तरह नहीं चल सकता है.
उन्होंने कहा कि राशि रोके जाने के विरोध में वह 29 और 30 मार्च को अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने दो दिन तक धरना देंगी. यह बातें ममता बनर्जी ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर रवाना होते समय कहीं. उन्होंने कहा कि वह ओडिशा जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से शिष्टाचार भेंट करेंगी.
बता दें कि हाल ही में यह बात सामने आई थी कि ममता सरकार एक अप्रैल से 'दुआरे सरकार' कैंपेन शुरू करने जा रही है. इसे लेकर सरकार की ओर से अफसरों को सख्त हिदायत दी गई थी कि 'दुआरे सरकार' शिविर में अगर किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एजेंसी के मुताबिक एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि दुआरे सरकार कैंपेन को एक बैठक हुई थी. इसकी अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम खोलने के निर्देश दिए थे.