देश में कोरोना वायरस ने जोरदार दस्तक दे दी है. तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है और हर राज्य में ताबड़तोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल में भी कोरोना ने तेज गति पकड़ ली है. पिछले 24 घंटे में बंगाल में कोरोना के 9073 मामले सामने आ गए हैं. संक्रमण दर 18.96% पर पहुंच चुका है.
बंगाल में कोरोना की फुल स्पीड
चिंता का विषय तो ये भी है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोरोना बेकाबू हो चुका है. अकेले कोलकाता में ही एक दिन में 4759 मरीज सामने आ गए हैं. पूरे राज्य में अभी 25,475 सक्रिय मरीज हैं. अब मामले तो बढ़ ही रहे हैं लेकिन मौत का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है. 24 घंटे के अंदर 16 लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा दी है.
सरकार ने क्या कदम उठाएं?
पिछले कई दिनों से लगातार पश्चिम बंगाल में कोरोना के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, सरकार की चिंता तो बढ़ी ही है लेकिन उससे ज्यादा चुनौती इन बढ़ते मामलों पर ब्रेक लगाना है. अब इस दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. टेस्टिंग बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है.
पिछले 24 घंटे में 47,864 टेस्ट किए गए हैं. अब इस ज्यादा टेस्टिंग की वजह से ही संक्रमण दर की डरावनी तस्वीर भी सामने आई है. दूसरे राज्यों की तुलना में बंगाल का संक्रमण दर 18.96% चल रहा है. आसान शब्दों में एक शख्स कम से कम 18 लोगों तक ये वायरस पहुंचा जा रहा है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर कोरोना चेन तोड़ने तक, हर पहलू पर सरकार फोकस कर रही है. वैसे सख्ती के बीच एक फैसले में बदलाव भी किया गया है. अब दिल्ली और मुंबई से बंगाल आने वाली फ्लाइटें हफ्ते में तीन बार संचालित हो सकेंगी. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार के दिनों को मंजूरी दी गई है.
ये प्रिडिक्शन डराने वाली है
अब इन सब तैयारियों के बीच पश्चिम बंगाल के लिए एक प्रिडिक्शन भी काफी खतरनाक साबित हो सकती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल में एक दिन में 30 से 35 हजार मामले भी सामने आ सकते हैं. अब ये प्रिडिक्शन अभी तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लगाई गई है.