scorecardresearch
 

बंगाल में बढ़ा सियासी टकराव, दिलीप घोष की गाड़ी पर हमले के बाद BJP हमलावर

बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच कड़ी टक्कर है. वहीं ओवैसी की एंट्री से बंगाल की लड़ाई और जबरदस्त हो सकती है. ऐसे में बंगाल को चुनावी हिंसा का डर सताने लगा है. लेफ्ट को उखाड़ फेंकने वाली ममता बनर्जी पर लेफ्ट की तर्ज पर चुनावी हिंसा फैलाने के आरोप लग रहे हैं.

Advertisement
X
बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष
बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिलीप घोष के काफिले पर हमला
  • टीएमसी-बीजेपी में बढ़ी खींचतान
  • बंगाल चुनाव में हिंसा की आशंका

पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिल पर हमले के बाद खींचतान बढ़ गया है. दिलीप घोष के काफिले पर गुरुवार को उपद्रवियों ने हमला कर दिया. यह हमला तब हुआ जब उनका काफिला अलीपुरद्वार से गुजर रहा था. काफिले पर पत्थर फेंके जाने से कुछ गाड़ियों के शीशे टूट गए और कुछ गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ. 

Advertisement

बहरहाल, बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच कड़ी टक्कर है. वहीं ओवैसी की एंट्री से बंगाल की लड़ाई और जबरदस्त हो सकती है. ऐसे में बंगाल को चुनावी हिंसा का डर सताने लगा है. लेफ्ट को उखाड़ फेंकने वाली ममता बनर्जी पर लेफ्ट की तर्ज पर चुनावी हिंसा फैलाने के आरोप लग रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का इतिहास रहा है. कई दशकों से चली आ रही हिंसा अब भी जारी है. 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में भी हिंसा भड़क गई थी. इसी हिंसा के दौरान ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति भी तोड़ दी गई थी. हिंसा के लिए बीजेपी ने जहां तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं तृणमूल ने बीजेपी पर बाहर से भीड़ लाकर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था.
 
बंगाल में हिंसा की शुरुआत

Advertisement

पश्चिम बंगाल में हिंसा की शुरुआत 70 के दशक में हुई जब सीपीएम उभर रही थी. फिर वो दौर भी आया जब 90 के दशक के अंतिम वर्षों में तृणमूल ने सीपीएम को चुनौती दी थी.  

बदला नहीं, बदल चाई यानी बदला नहीं, परिवर्तन चाहिए का नारा देकर ममता बनर्जी 2011 में राज्य की सत्ता में आई थीं. समय बीतने के साथ ममता बनर्जी ने सीपीएम के उन नेताओं और कैडर को अपने साथ जोड़ लिया जो लेफ्ट के जमाने में चुनावी मशीनरी को कंट्रोल करते थे. 

देखें: आजतक LIVE TV

 

नतीजा ये हुआ कि ममता बनर्जी पर उन्हीं हथकंडों का इस्तेमाल करने के आरोप लगे जिनके खिलाफ वो लेफ्ट से लड़ती रहीं. 2019 के लोकसभा चुनावों में जहां देश भर से चुनावी हिंसा की छिटपुट खबरें आईं वहीं बंगाल में हिंसा की खबरें सुर्खियों में रहीं. जंगीपुर, मुर्शिदाबाद और मालदा में जमकर बमबाजी, गोलीबारी हुई थी. वोटरों को डराने के लिए अपराधियों ने हवा में गोली चलाई और बम फेंके. ये ममता बनर्जी के बंगाल में हो रहा था जो बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने का विरोध कर रही थीं। 

एक बार फिर बंगाल चुनावों की दहलीज पर खड़ा है. बीजेपी और टीएमसी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में 2021 के विधानसभा चुनावों में भी बंगाल में खूनी खेल की आशंका है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement