पश्चिम बंगाल से प्यार की एक दिलचस्प कहानी सामने आई है. ये कहानी जेल से है, और इसकी शुरुआत भी जेल में हुई है. कहते हैं प्यार कहीं भी, कभी भी, किसे से भी हो सकता है. ऐसी ही एक प्यार की दास्तान बर्धमान जिले के बर्धमान जिला सुधार केंद्र से शुरू होती है. दरअसल, सुधार केंद्र में बंद दो दोषियों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और उन्होंने शादी करने के लिए पैरोल ली और शादी करके वापस सुधार केंद्र आ गए.
हत्या के मामले में आरोपी दूल्हा और दुल्हन मौजूदा समय में बर्धमान केंद्रीय सुधार गृह में कैद हैं और यहीं उनकी मुलाकात हुई और दोस्त बन गए. जल्द ही, उन्होंने अपने-अपने परिवार को अपने रिश्ते के बारे में बताकर शादी करने का फैसला किया.
असम के अब्दुल हासिम और बीरभूम की शाहनारा खातून नामक दंपति को पांच दिनों के लिए पैरोल पर रिहा किया गया. हासिम को 8 साल और शाहनारा को 6 साल के लिए एक ही सुधार गृह में रखा गया था. उन्होंने मोंटेश्वर के कुसुमग्राम में मुस्लिम अधिनियम के अनुसार शादी कर ली.
अपने रिश्ते के बारे में अब्दुल हासिम ने कि हम दोनों बर्धमान सेंट्रल करेक्शनल इंस्टीट्यूशन में कैद थे. उसी दिन हमारे घरवाले हमसे मिलने आये, वहीं से हमारी जान-पहचान हुई. फिर धीरे-धीरे हमारी बातें होने लगीं, फिर हमारा रिश्ता आगे बढ़ा. हम अपने जीवन के मुश्किल दौर से निकलना चाहते हैं और अपना जीवन अच्छे से जीना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अब किसी विपदा में न पड़ें.
वहीं, दुल्हन सहनारा खातून ने कहा, 'यहां से निकलने के बाद, मैं अपना जीवन बिताना चाहती हूं और अन्य लोगों की तरह एक परिवार शुरू करना चाहती हूं.'
यह पहली बार है जब बर्धमान सेंट्रल करेक्शनल इंस्टीट्यूशन में प्यार के बाद ऐसी शादी देखने को मिली है.
साथ में सुजाता मेहरा की रिपोर्ट