पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले कम जरूर हुए हैं लेकिन दूसरे राज्यों की तुलना में यहां स्थिति अभी भी चिंताजनक है. राज्य में लगातार 700-800 के करीब नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं रोज 5 से 6 लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल को लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से मुक्त नहीं किया जा रहा है. अब राज्य में पाबंदियों को 30 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है.
पश्चिम बंगाल में 30 अगस्त तक बढ़ाई गईं पाबंदियां
राहत के तौर पर सरकार ने नाइट कर्फ्यू के समय में कटौती कर दी है. पहले रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहता था, लेकिन अब इसे घटाकर 11 से 5 कर दिया गया है. वहीं इस नाइट कर्फ्यू के दौरान भी जरूरी सेवाओं को जारी रखा जाएगा. उन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं रहेगी. इसमें एंबुलेंस, पुलिस से लेकर कई दूसरी जरूरी सेवाएं शामिल हैं.
लेकिन बंगाल के लोगों के लिए परेशानी की बात ये है कि लोकल ट्रेन को अभी भी हरी झंडी नहीं दिखाई गई है. तर्क दिया जा रहा है कि जब तक राज्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक लोकल ट्रेन को चालू नहीं किया जा सकता. वहीं जोर तो इस बात पर भी दिया जा रहा है कि गांव में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाना जरूरी है. ऐसा होने के बाद ही लोकल ट्रेन चलाने पर फैसला लिया जाएगा. ये जानकारी खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी है.
वैक्सीन के मुद्दे पर केंद्र संग तकरार
वैसे वैक्सीन के मुद्दे पर तो ममता बनर्जी की तरफ से लगातार केंद्र पर निशाना साधा जा रहा है. एक तरफ वे कम वैक्सीन का मुद्दा उठा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो को भी गलत मान रही हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि पीएम मोदी ने कोविड-19 वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर अपनी तस्वीर लगाई है, अब उन्हें डेथ सर्टिफिकेट पर भी अपनी तस्वीर लगानी चाहिए.
बंगाल के कोरोना मीटर की बात करें तो राज्य में अब तक 18,258 लोग इस महामारी के आगे दम तोड़ चुके हैं. बंगाल का डेथ रेट दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा रहा है. वहीं राज्य में अब तक कुल 15,35,699 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.