पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले फुल स्पीड से बढ़ते दिख रहे हैं. रोज के 20 हजार के करीब नए मामले सामने आ रहे हैं और लगातार 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गवा रहे हैं. इसी बीच राज्य में टीकाकरण की रफ्तार भी काफी धीमी है और लोगों को वैक्सीन लगाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. परिस्थिति को देखते हुए सीएम ममता बनर्जी की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी गई है. चिट्ठी के जरिए कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के तमाम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कोरोना वैक्सीन का तुरंत इंतजाम किया जाए.
सीएम ममता बनर्जी की पीएम मोदी को चिट्ठी
ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा है कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच अब तेज गति से टीकाकरण करना जरूरी है. ऐसे में सबसे पहले राज्य के केंद्रीय कर्मचारियों को सुरक्षित किया जाए. इसी कड़ी में उन्हें जल्द से जल्द कोरोना का टीका लग जाना चाहिए. सीएम की तरफ से गुरुवार को प्रधानमंत्री के नाम ये चिट्ठी लिखी गई है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय कर्मचारी जो रेलवे, एयरपोर्ट, डिफेंस, बैंक, कोयला आदि क्षेत्र में काम करते हैं, उन्हें प्रथामिकता देते हुए तुरंत वैक्सीन लगाई जाए. अब इसमें ज्यादा देरी नहीं की जा सकती है.
केंद्रीय कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की मांग
सीएम की तरफ से तर्क दिया गया है कि सरकारी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा बाहर काम करना पड़ता है, उनका लोगों से काफी मिलना-जुलना भी रहता है. इस वजह से कोरोना काल में वे सुपर स्प्रेडर का भी काम कर सकते हैं और राज्य में वायरस और तेजी से फैल सकता है. इसी तर्क के आधार पर ममता ने जल्द केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वैक्सीन की पैरवी की है. बताया गया है कि राज्य को कम से कम वैक्सीन की 20 लाख डोज की जरूरत पड़ने वाली है.
West Bengal CM Mamata Banerjee writes to PM Modi, "requesting him to arrange vaccines for priority sectors Central govt employees like those working in Railways, Airports, Ports, Defence, Banks, Insurance, Post & Telegraph, Coal & similar other sectors" without any further delay. pic.twitter.com/rt9VH8wwH8
— ANI (@ANI) May 20, 2021
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ममता ने पीएम पर साधा निशाना
वैसे इससे पहले ममता बनर्जी ने उस बैठक में भी हिस्सा लिया था जहां पर पीएम मोदी ने राज्य के 10 मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टरों संग बातचीत की थी. उस मीटिंग के बाद ममता की तरफ से केंद्र पर निशाना साधा गया था. उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि उन्हें मीटिंग में बोलने का मौका नहीं मिला और तमाम मुख्यमंत्रियों को कठपुतली बना कर रखा गया. सीएम ने इसे एक फ्लॉप मीटिंग बताते हुए कहा कि यहां पर सिर्फ पीएम ने अपनी बात की है, राज्य के मुख्यमंत्रियों से सलाह नहीं ली गई. ममता ने इस बात का भी जिक्र किया कि मीटिंग में एक बार में भी उनसे ब्लैक फंगस और ऑक्सीजन किल्लत को लेकर सवाल नहीं किया गया.
ममता और केंद्र के बीच ये तकरार लंबे समय से देखने को मिल रही है. एक तरफ केंद्र लगातार राज्य पर आरोप लगा रहा है तो वहीं सीएम भी केंद्र सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े कर रही हैं. हाल ही में ममता ने मुफ्त में वैक्सीन देने की भी वकालत की थी, उस पर भी उनकी केंद्र संग तकरार देखने को मिल गई थी.