पंचायत चुनाव से पहले बंगाल में हो रही हिंसा पर एक रिपोर्ट नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) टीम ने तैयार करके दिल्ली में अपने मुख्यालय को सौंप दी है. नेशनल एंटी टेरर एजेंसी फिलहाल बंगाल के हालातों पर तेज नजर बनाए हुए है. NIA सूत्रों का दावा है कि बंगाल पुलिस की तरफ से उनको हिंसा के मामलों की ठीक जानकारी नहीं दी गई है.
बंगाल में चुनाव से पहले भांगर (साउथ 24 परगना), दोमकोल (मुर्शिदाबाद), दिनहाटा (कूचबिहार) में हिंसा हुई थी. इन इलाकों में NIA इस वक्त एक्टिव है. गुप्त सूत्रों से NIA ने वहां हुए बम धमकों, गोली चलने, बम रिकवरी, हिंसा के वीडियोज जब्त किए हैं. इस सबके साथ NIA ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट तैयार की है.
बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव
बंगाल में 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. इसके बाद से ही राज्य में हिंसक घटनाएं सामने आने लगीं. बता दें कि 8 जुलाई को बंगाल में पंचायत चुनाव होना है. 11 जुलाई को चुनाव के नतीजे आएंगे.
चुनाव के लिए नामांकन जैसे ही शुरू हुए, तब से ही हिंसक घटनाएं आम हो गईं. विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों ने दावा किया कि TMC की तरफ से उनको नामांकन दाखिल नहीं करने दिया जा रहा, डराने-धमकाने का भी आरोप लगा. ऐसे ही आरोप TMC उम्मीदवारों की तरफ से विपक्षी पार्टियों पर लगाए गए.
दावा है कि सिर्फ भांगर में ही गुटों ने एक दूसरे पर करीब 200 बम फेंक डाले. इस हिंसा में कई लोगों को गोलियां भी लगीं, जिनको हॉस्पिटलों में भर्ती करवाया गया. बंगाल की इस हिंसा में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
पुलिस से NIA को नहीं मिली मदद?
NIA अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया है कि नियमों के मुताबिक, कहीं विस्फोट या बमबाजी होने पर पहले पुलिस विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत FIR दर्ज करती है. फिर पुलिस उस रिपोर्ट को केंद्र के गृह मंत्रालय और NIA को भेजती है.
NIA सूत्रों के मुताबिक, बंगाल के मामले में पुलिस ने उनको अब तक कोई ऐसी रिपोर्ट ही नहीं भेजी है, ना ही इस बात की जानकारी दी है कि वहां ऐसे मामलों की कितनी FIR दर्ज हुई हैं. सूत्रों का दावा है कि बंगाल पुलिस के जवाब के इंतजार के बाद NIA ने एक स्पेशल रिपोर्ट बनाई जो उनके अपने इनपुट्स के आधार पर है. इसमें घटनाओं के वीडियोज भी हैं. इनको बुधवार को एजेंसी हेडक्वॉर्टर में जमा करवा दिया गया है. अब रिपोर्ट को देखकर मुख्यालय आगे क्या एक्शन लेना है यह बताएगा.