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बंगाल में पंचायत चुनाव आज, 1.35 लाख जवान तैनात, 30 दिन की हिंसा में 18 गंवा चुके जान

पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव होंगे. पंचायत चुनाव की घोषणा 8 जून को हुई थी. तब से लेकर 7 जुलाई तक राज्य में कई हिंसक झड़पें हुईं. इसमें 18 लोगों की मौत हो चुकी है. सुरक्षा के लिहाज से पूरे प्रदेश में 1.35 लाख जवानों को तैनात किया गया है. इसमें केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां शामिल हैं. वहीं 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर केंडिडेट किस्मत आजमा रहे हैं.

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बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं (फोटो- पीटीआई)
बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं (फोटो- पीटीआई)

पश्चिम बंगाल में शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव होना है. राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसमें बंगाल के 5,67,21,234 (5.7 करोड़) वोटर्स कैंडिडेट की किस्मत का फैसला करेंगे. जबकि चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे. बता दें कि 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले इन पंचायत चुनावों को लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है. 

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बंगाल में चुनावी हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. लिहाजा 8 जून 2023 को पंचायत चुनाव की घोषणा के दिन से ही प्रदेश के कई हिस्सों से लगातार हिंसा की खबरें आईं. पिछले 30 दिन में हुईं हिंसक झड़पों में 18 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा खतरनाक हिंसा 24 जून को मुर्शिदाबाद में हुई. यहां  हुए ब्लास्ट में 26 साल के युवा अलीम शेख की जान चली गई थी, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे. इतना ही नहीं, इस घटना से ठीक 5 दिन पहले 7 से 11 साल की उम्र के 5 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दरअसल, ये बच्चे देसी बम को खिलौना समझकर खेलने लगे थे. वहीं, उत्तर 24 परगना में एक प्राइमरी स्कूल के पास 4 और बम मिले थे. इससे इलाके में हड़कंप मच गया था. 

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हिंसक झड़पों में 30 दिन में 18 लोगों की मौत

5 जुलाई को उत्तरी 24 परगना देगंगा में एक बम ब्लास्ट में एक 17 साल के किशोर की मौत हो गई थी. किशोर टीएमसी कार्यकर्ता परितोष मंडल का बेटा था. जबकि 6 जुलाई को बेलडांगा के महेशपुर में खेत में कमाल शेख का शव मिला था. वहीं, बीरभूम के मुहम्मदबाजार में बीजेपी कार्यकर्ता दिलीप महरा नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. 6 जुलाई को ही कूचबिहार के दिनहाटा में बदमाशों ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं को गोली मार दी. इसी दिन मुर्शिदाबाद के फरक्का में बम बांधने और बनाने के दौरान 2 लोग घायल हो गए थे. इतना ही नहीं, 7 जुलाई को मतदान से ठीक एक दिन पहले मुर्शिदाबाद के रानीनगर में कांग्रेस और TMC कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद कांग्रेस समर्थक अरबिंदो मंडल की मौत हो गई. पंचायत चुनाव को लेकर पूरे बंगाल में अभी भी तनाव का माहौल है, क्योंकि प्रदेश में पिछले 30 दिन में 18 लोग जान गंवा चुके हैं.

 

पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस के जवानों ने फ्लैग मार्च किया. (फोटो- पीटीआई)

केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां तैनात

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पूरे बंगाल में केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां तैनात हैं. इन कंपनियों के 65,000 जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है.485 कंपनियों में से अलीपुरद्वार में 10, बांकुरा में 11, बीरभूम में 20, कूचबिहार में 28, दक्षिण दिनाजपुर में 10, दार्जिलिंग में 4, हुगली में 28, हावड़ा में 37, जेलपाईगुड़ी में 10, झारग्राम में 5, मालदा में 30,  मुर्शिदाबाद में 45, नदिया में 31, उत्तर 24 परगना में 35, पश्चिम बर्धमान में 10, पश्चिम मेदिनीपुर में 20, पूर्व बर्धमान में 33, पूर्व मेदिनीपुर में 37, पुरुलिया में 26, दक्षिण 24 परगना में 30 और उत्तर दिनाजपुर में 25 कंपनियां तैनात की गई हैं.

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हिंसक घटनाओं के बाद एक्टिव हुआ राजभवन

TMC की ओर से जहां सीएम ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला. वहीं, बीजेपी की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने प्रचार की कमान संभाली. उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस के लिए चुनावी अभियान का नेतृत्व किया. उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्सों में अपनी सीमित उपस्थिति के साथ इंडियन सेक्युलर फ्रंट ने भी सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि पार्टी के नेता और एकमात्र विधायक नवसाद सिद्दीकी ने पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया. वहीं, राजभवन ने चुनावी हिंसा के मुद्दे को लेकर पहली बार अपनी सक्रिय भूमिका निभाई. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जनता की शिकायतों के समाधान के लिए राज्यपाल के आवास पर एक 'शांति गृह' खोला था.

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चुनाव से पहले तैयारियों को अंतिम रूप देते कर्मचारी

70 के दशक के बाद दूसरी बार केंद्रीय बलों की निगरानी में होंगे चुनाव

70 के दशक के अंत में बंगाल में पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत के बाद से दूसरी बार ग्राम पंचायत के चुनाव केंद्रीय बलों की निगरानी में होंगे. अधिकारियों ने कहा कि चुनाव के लिए लगभग 65,000 सक्रिय केंद्रीय पुलिसकर्मी और 70,000 राज्य पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. इसके साथ ही आज पुलिसकर्मियों ने कई इलाकों में फ्लैगमार्च निकाला.

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TMC-BJP ने साधा एक दूसरे पर निशाना

TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी भूल गई है कि लोग प्रतिनिधियों को वोट देते हैं, केंद्रीय बलों को नहीं. अगर बीजेपी के पास लोगों का समर्थन नहीं है, तो चाहे आप कितनी भी केंद्रीय ताकतें मांग लें, जनादेश नहीं बदलेगा. 2013 के पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की भारी तैनाती के बावजूद टीएमसी ने 85 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतीं थीं. वहीं, बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने कहा कि टीएमसी पंचायत चुनावों को 2018 की पुनरावृत्ति करना चाहती है, लेकिन हम इस बार ऐसा नहीं होने देंगे. बीजेपी टीएमसी को हरा देगी.

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कांग्रेस ने कहा- जनता TMC को खारिज कर देगी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि टीएमसी की सभी सीटों को हड़प लेने की मानसिकता है, जिसमें किसी भी प्रकार के विरोध के लिए कोई जगह नहीं है, इसी विचार ने अराजक स्थिति को जन्म दिया है. सीपीआई (एम) नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि लोग चुनाव में टीएमसी और बीजेपी दोनों को खारिज कर देंगे. 2018 के पंचायत चुनावों में TMC ने 90 प्रतिशत पंचायत सीटें और जिला परिषद की सभी सीटें जीतीं थीं. हालांकि तब भी भारी हिंसा हुई थी. तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उन्हें कई सीटों पर नामांकन दाखिल करने से रोका गया था.
 

PTI के इनपुट के साथ)

 

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