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'पंचायत चुनाव में गई किसी की जान तो चुनाव आयोग होगा जिम्मेदार', बंगाल BJP अध्यक्ष बोले 

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अभी से ही सरगर्मी बढ़ने लगी है. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि अगर पंचायत चुनाव के दौरान कोई राजनीतिक हत्या होती है तो उसके लिए राज्य चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा.

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सुकांत मजूमदार (फाइल फोटो)
सुकांत मजूमदार (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल में फिर से चुनावी तापमान बढ़ने लगा है. सूबे में अगले साल पंचायत चुनाव होने हैं और इसे लेकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के साथ ही विपक्षी दल भी अभी से ही तैयारियों में जुट गए हैं. विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी पंचायत चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में आ गई है और बैठकों का दौर शुरू हो गया है.

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विपक्षी बीजेपी ने राज्य चुनाव आयोग से पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती करने की मांग की है. पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार रविवार को उत्तर बंगाल में थे. उत्तर बंगाल में पत्रकारों से बात करते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा कि पंचायत चुनाव में कोई राजनीतिक हत्या होती है तो उसके लिए राज्य चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा.

उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए. पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि ये फैसला पूरी तरह से राज्य चुनाव आयोग का होगा कि वह चुनाव के दौरान किस एजेंसी का उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल, राज्य पुलिस या चौकीदार, ये फैसला पूरी तरह से राज्य चुनाव आयोग का होगा लेकिन इस दौरान अगर कोई हत्या हुई तो जिम्मेदार भी आयोग ही होगा.

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सुकांत मजूमदार ने पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा होने की स्थिति में राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ कोर्ट जाने की भी धमकी दी है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो राज्य चुनाव आयुक्त को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने को हम कोर्ट भी जाएंगे. गौरतलब है कि 2018 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में पश्चिम बंगाल की लगभग 90 फीसदी सीटों पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली थी.

टीएमसी ने 34 फीसदी सीटें निर्विरोध जीती थीं. इसे लेकर आरोप ये लगाया गया था कि विपक्षी उम्मीदवारों ने टीएमसी के गुंडों के डर से नामांकन ही दाखिल नहीं किया. तब बड़े स्तर पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं. विपक्षी दलों के कई कार्यकर्ता उस समय हुई राजनीतिक हिंसा में मारे गए थे. इस बार के पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी ने ये फैसला लिया है कि पार्टी के सांसद और विधायक अपने उम्मीदवारों को नामांकन केंद्र तक लेकर जाएंगे.

शांतिपूर्ण चुनाव के लिए TMC भी एक्टिव

टीएमसी भी शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर एक्टिव हो गई है. सांसद मदन मित्रा ने भी अपने संसदीय क्षेत्र में टीएमसी कार्यकर्ताओं की बैठक की और पंचायत चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने का आह्वान किया. उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं, नेताओं को ये साफ संदेश दिया कि किसी के साथ मारपीट करके चुनाव जीतने की बात सोचना ठीक नहीं है.

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