पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट वाली जगह से मलबा हटाने का काम मंगलवार को भी जारी रहा. इस विस्फोट में एक किशोर सहित 9 लोगों की मौत के दो दिन बाद भी मंगलवार को भी मलबा हटाने का काम चल रहा है. पुलिस को इस मामले में चार लोगों की तलाश है. दत्तपुकुर क्षेत्र के मोचपोल गांव में अवैध फैक्ट्री और उसके आसपास के अन्य घरों वाली ढही हुई इमारत के ढेर के मलबे को हटाने के लिए अर्थमूविंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बता दें कि रविवार सुबह हुए विस्फोट में गांव के 50 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री के मालिक के व्यापारिक साझेदार एक व्यक्ति को सोमवार को गिरफ्तार किया गया, बारासात पुलिस जिले की एक टीम ने अवैध पटाखा इकाई से जुड़े अन्य लोगों की तलाश के लिए पड़ोसी जिलों नादिया और मुर्शिदाबाद में तलाशी अभियान चलाया.
आरोपियों की खोज में जुटी पुलिस
उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के अलावा, पूरे अवैध कारोबार में कई और लोग शामिल हैं. हमने इलाके के चार और लोगों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो फिलहाल फरार हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि पुलिस निगरानी को चकमा देकर विस्फोटक सामग्री गांव में कैसे लाई गई. घटनास्थल के पास एक गोदाम के अंदर रसायन और पाउडर के बैग पाए गए हैं और पुलिस को संदेह है कि ये अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम क्लोरेट हैं. सामग्री को रासायनिक टेस्टिंग के लिए भेजा गया है.
पुलिस का कहना है कि हम आपूर्तिकर्ताओं की भी तलाश कर रहे हैं और यह जानने की भी कोशिश कर रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में रसायन और विस्फोटक सामग्री क्षेत्र में कैसे लाई गईं. इस बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने आरोप लगाया कि पटाखे बनाने की आड़ में बम निर्माण एक कुटीर उद्योग बन गया है.
'बंगाल में बिजनेस बन गया है बम निर्माण'
कानूनगो ने कहा कि हमें पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक अवैध पटाखा इकाई में विस्फोट में बच्चों के मरने की रिपोर्ट मिली है. यह पहली बार नहीं है. हमने पहले भी बंगाल में अवैध पटाखा इकाइयों को चालू देखा है. बम निर्माण अब बंगाल में उद्योग बन गया है.
बता दें कि दत्तपुकुर में रविवार को हुआ विस्फोट इस मई के बाद से राज्य में तीसरा विस्फोट है. इससे पहले पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में अवैध पटाखा कारखानों में और दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला में एक और विस्फोट हुआ है. एगरा में 12 जबकि महेशतला विस्फोट में तीन लोगों की मौत की खबर है.
भारी मात्रा में विस्फोटकों और प्रतिबंधित पटाखों की आवाजाही के गुप्त इनपुट के आधार पर, मंगलवार को उत्तर 24 परगना में कुछ जगहों पर एसटीएफ डब्ल्यूबी टीम द्वारा छापेमारी की गई. इस दौरान तीन ट्रक विस्फोटक और पटाखे पकड़े गए. उन्हें जब्त कर लिया गया है. इस सुराग के बाद बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में न्यू बैरकपुर पुलिस स्टेशन के तहत सजीरहाट इलाके में भी छापेमारी की गई, जहां विस्फोटकों और पटाखों से भरे दो और ट्रक जब्त किए गए हैं.
1.5 करोड़ के पटाखे और विस्फोटक बरामद
फिलहाल, छापेमारी में रैकेट में शामिल दो लोगों को पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके खिलाफ एक विशिष्ट मामला शुरू किया जा रहा है. पकड़े गए विस्फोटकों और पटाखों की कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये है.
(पीटीआई-भाषा के इनपुट के साथ)