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कोलकाता नगर निगम चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में टीएमसी की सुनामी नजर आई. पार्टी ने 144 वार्ड में से 134 में जीत हासिल की. वहीं, भाजपा को 3 और लेफ्ट और कांग्रेस को 2-2 सीटों पर जीत मिली, बाकी 3 सीटें अन्य के खाते में गईं. वोट % की बात करें तो टीएमसी को 72%, लेफ्ट को करीब 11%, भाजपा को 8.3% और कांग्रेस को 4.4% वोट मिला.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम पर लगातार तीसरी बार कब्जा जमा लिया है. बीजेपी से सिर्फ मीना देवी पुरोहित, सजल घोष और विजय ओझा ही अपनी अपनी सीटों से जीत हासिल कर पाए.
मीना देवी पुरोहित
कोलकाता नगर निगम चुनाव में टीएमसी की सुनामी के बीच छठी बार पार्षद का चुनाव जीतने वाली बीजेपी की मीना देवी पुरोहित बेहद खुश हैं. और अपनी जीत के पीछे साल के 365 दिन जनता के बीच बिताने और उनके काम में लगे रहने को बताती हैं. मीना देवी पुरोहित पिछले लगभग 25 सालों से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं कोलकाता नगर निगम में डिप्टी मेयर भी रह चुकी है जोड़ासांको विधानसभा सीट से 1 बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. मीना देवी पुरोहित कोलकाता के 22 नंबर वार्ड से जीती है जो कि बड़ा बाजार इलाके में आता है जहां 70% कारोबारी लोग रहते हैं और बीजेपी का गढ़ माना जाता है.
विजय ओझा और सजल घोष
वहीं, 23 नंबर वार्ड भी बड़ा बाजार के अंतर्गत आता है जहां से विजय ओझा चुनाव जीते हैं. इसके अलावा सजल घोष ने भी बीजेपी के कमल चिन्ह पर चुनाव जीता है. सजल घोष के पिता भी राजनीति में रह चुके हैं. इनके व्यक्तिगत काम और पहचान को ही इनकी जीत की असल वजह बताया जा रहा है.
उधर, कोलकाता नगर निगम चुनाव के रुझानों पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि कोलकाता के लोगों ने जिस तरह का प्यार हमें दिया है, उसके लिए उनको सलाम. यह जीत लोकतंत्र की जीत है. मैं आज कामाख्या मंदिर जाऊंगी. कोलकाता हमारा गौरव है. कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर है. ममता ने आगे कहा कि यह राष्ट्रीय राजनीति की जीत है. बंगाल और कोलकाता आगे का मार्ग दिखाएंगे.