भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और वक्फ संशोधन बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के अध्यक्ष, जगदंबिका पाल ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए वक्फ संशोधन बिल को आज जेपीसी को सौंपा गया है. स्पीकर के निर्देशानुसार, जेपीसी को अगले सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिनों तक इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी. इसी संदर्भ में जेपीसी की बैठक गुरुवार को शुरू हुई है.
इस बैठक में समिति के सभी सदस्य इस बिल पर चर्चा करेंगे और जो भी चिंताएं हैं, उन पर विचार-विमर्श करेंगे. जगदंबिका पाल ने कहा, "हमें इस जेपीसी के तहत केवल हमारे सदस्यों से ही चर्चा नहीं करनी चाहिए, बल्कि राज्य वक्फ बोर्डों के अध्यक्षों, अल्पसंख्यक समुदायों के संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों को भी शामिल करना चाहिए. हम अधिक से अधिक लोगों को अपनी राय रखने का मौका देंगे."
वक्फ बिल का AAP करेगी विरोध
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने वक्फ बोर्ड जेपीसी बैठक को लेकर तीखा विरोध जताया. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'तू कौन मैं खामखां...' संजय सिंह ने कहा, "संविधान की धारा 26 धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी देती है. यह बाबा साहेब का संविधान है, जिसमें लिखा है कि धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. सरकार का मकसद जमीनों को कब्जा करके अडानी को देना है. एक दिन आएगा जब मंदिर की जमीन भी कब्जा होगी और सरकार उसे अपने दोस्तों को देगी."
जेपीसी की पहली बैठक, विपक्ष का विरोध
आज 11 बजे से वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की पहली बैठक हो रही है. विपक्षी सांसदों ने बैठक से पहले कानूनी जानकारों से परामर्श किया है और बैठक में संविधान के मूल अधिकारों के उल्लंघन का मामला उठाने की योजना बनाई है. प्रस्तावित बिल के कई प्रावधानों पर विपक्षी दलों द्वारा विरोध जताया जाएगा. आज की शुरुआती बैठक के एजेंडे के अनुसार, कानून मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय के अधिकारी सदस्यों को इस बिल पर ब्रीफिंग देंगे.
जेपीसी की मांग कोई नई बात नहींः संदीप दीक्षित
उधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, सचिन पायलट और कन्हैया कुमार ने हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर तीखे बयान दिए हैं. संदीप दीक्षित ने जेपीसी की मांग के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए कहा कि संसद के सदस्यों का दायरा बड़ा होता है और जेपीसी की मांग कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बोफोर्स और हर्षद मेहता मामलों में भी विपक्ष की मांग पर कांग्रेस ने जेपीसी बनाई थी. संदीप दीक्षित ने वित्तीय अनियमितताओं पर संदेह जताते हुए कहा कि अगर सेबी पाक साफ नहीं है, तो इसे लेकर संदेह उठेगा और तब बदलाव की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि जो संस्था हमारे पैसे की निगरानी करती है, उस पर भी जांच होनी चाहिए.
जेपीसी पर क्या बोले सचिन पायलट
सचिन पायलट ने वक्फ बोर्ड बिल को वापस लिए जाने का जिक्र करते हुए सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश की संपत्ति को औने-पौने दाम पर बेचने के खिलाफ आवाज उठाई थी, और अब सेबी के प्रमुख पर भी आरोप लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच के निर्देश दिए, लेकिन जब जांच करने वालों पर ही आरोप लगे हैं, तो सरकार ने चुप्पी साध ली है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जेपीसी का गठन होना चाहिए और अगर सरकार ने कुछ गलत नहीं किया है, तो उसे पारदर्शी जांच से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस इस मुद्दे पर संघर्ष करेगी और देश की संसद में राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार से जवाब मांगेगी.
कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर लगाए आरोप
कन्हैया कुमार ने कहा कि राहुल गांधी जिन बातों का अंदेशा जताते हैं, वे आगे चलकर साबित होती हैं. उन्होंने अदाणी के मामले का जिक्र करते हुए इसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया. कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर कोई चोरी नहीं हुई है, तो भाजपा को जेपीसी से जांच कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ईडी, सीबीआई, और आयकर विभाग का उपयोग विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है. कन्हैया ने कहा कि मोदी और अदाणी अलग नहीं हैं, बल्कि यह 'मोदानी' महाघोटाला है, और अगर कोई चोरी नहीं हुई है, तो भाजपा को जेपीसी से डरने की जरूरत नहीं है.