
Sikh For Justice: पहले पंजाब के पटियाला में खालिस्तान समर्थकों और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प... फिर हरियाणा के करनाल में खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा से जुड़े आतंकियों का पकड़ा जाना... और उसके बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दरवाजे पर खालिस्तान का झंडा फहराना... बीते दो हफ्तों में देश में तीन घटनाओं ने खालिस्तान को चर्चा में ला दिया है.
अब हिमाचल विधानसभा के दरवाजे पर खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप जिस संगठन पर लगा है, उसका नाम है सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ. इस संगठन पर 2019 में केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. ये संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता है.
हिमाचल में विधानसभा के दरवाजे पर खालिस्तानी झंडा फहराने के इल्जाम में पुलिस ने गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. उसके खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटी प्रोटेक्शन एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है. गुरपतवंत सिंह पन्नून ही सिख फॉर जस्टिस का चेहरा है और इस मामले में मुख्य आरोपी भी. पन्नून ने इससे पहले शिमला में 29 अप्रैल को खालिस्तानी झंडा फहराने का ऐलान किया था.
ये भी पढ़ें-- Khalistan: कहानी खालिस्तान की, जिसने पंजाब को जला दिया, PM-CM की हत्या कर दी थी
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नून?
गुरपतवंत सिंह पन्नून अमेरिका में रहता था और न्यूयॉर्क में वकालत करता था. उसे सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है. पन्नून कई सारी आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा है.
पन्नून ने दो साल पहले 'रेफरेंडम 2020' आयोजित करने की कोशिश की थी, जिसमें उसने दुनियाभर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी.
पन्नून पर अक्सर सिख युवाओं को भड़काने का आरोप लगता रहा है. वो युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता है. जुलाई 2020 में पन्नून को UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नून ने एक बार भारतीय छात्रों को खालिस्तानी झंडा उठाने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को कहा था और इसके बदले में उन्हें iPhone 12 Mini देने का वादा किया था.
ये भी पढ़ें-- पटियाला कांड : कौन है 'खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च' का आयोजक हरीश सिंगला, जिसे पुलिस ने किया है गिरफ्तार
क्या है सिख फॉर जस्टिस?
खालिस्तान की मांग को लेकर कई सारे संगठन बने हैं. इन्हीं में एक सिख फॉर जस्टिस भी है. इस संगठन की शुरुआत 2007 में अमेरिका से हुई थी. इसका सारा कामकाज गुरपतवंत सिंह पन्नून ही देखता है.
इस संगठन का मकसद पंजाब को देश से अलग कर खालिस्तान बनाने का है. खालिस्तान यानी खालसाओं की भूमि. ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से फंडिंग होती है.
जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. उसके पाकिस्तान से कनेक्शन की बातें सामने आई थीं.
जुलाई 2019 तक नेशनल इन्वेस्टिगेटव एजेंसी (NIA), पंजाब पुलिस और उत्तराखंड पुलिस के सामने 12 क्रिमिनल केस दर्ज थे. इन मामलों में 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के समय भी सिख फॉर जस्टिस का नाम सामने आया था. NIA ने दिसंबर 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं के SFJ से कथित कनेक्शन की बात कही गई थी. इस मामले में 40 से ज्यादा नेताओं को समन भेजा गया था.