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इंडिया गठबंधन के भीतर ही बन रहा है एंटी कांग्रेस ब्लॉक?

अखिलेश-स्टालिन की मुलाकात की क्या है इनसाइड स्टोरी, आयुष्मान भारत हेल्थ सेंटर का नाम बदलने की ज़रूरत क्यों पड़ी सरकार को और पिछले 5 साल में तेलंगाना में मौजूदा विधायकों की कितनी संपत्ति बढ़ गई है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कल चेन्नई पहुंचे. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के सरकारी कार्यक्रम में वो बतौर मुख्य अतिथि गए थे. यूं तो ऊपर से देखने में ये एक प्रदेश के मुख्यमंत्री और दूसरे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बीच सामान्य मुलाकात थी. लेकिन इसके भीतर सियासत के कई आयाम छिपे हुए हैं. स्टालिन ने अखिलेश यादव को तो बुलाया लेकिन राज्य में अपनी सहयोगी कांग्रेस पार्टी को इस कार्यक्रम से दूर रखा. दरअसल कांग्रेस को लेकर जो तल्खी समाजवादी पार्टी के भीतर दिखाई दे रही है. वैसा ही मिजाज़ तमिलनाडु में डीएमके के भीतर भी है. वीपी सिंह की मूर्ती के अनावरण के नाम पर कांग्रेस विरोध का यह गठबंधन कल चेन्नई में दिखाई दिया, अगले कुछ दिनों में अखिलेश यादव इंडिया एलायंस के और भी साथियों से मिलने वाले हैं, तो क्या समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के ख़िलाफ़ गठबंधन के भीतर रहते हुए ही एक मोर्चा खोल लिया है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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चूंकि किताब की बात हो रही है.. तो एक शख्स का जिक्र यहां ज़रूरी. फ़िलिप कोटलर जो विश्व के जाने माने मार्केटिंग गुरू हैं, उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं. 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके नाम से जुड़ा एक अवॉर्ड दिया गया था. उनकी किताब में ब्रैंडिंग और री ब्रैंडिंग मार्केटिंग के बारे में भी बताया गया है. ब्रैंडिंग में पहचान बनाते हैं, री ब्रैंडिंग में पुरानी चीज़ पर नई जिल्द चढ़ाई जाती है.

ये सब बातें इसलिए क्योंकि भारत सरकार ने अपनी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की रीब्रान्डिंग करने वाली है. अब इन्हें आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाएगा और इसके लिए नई टैग लाईन भी तैयार है- आरोग्यम परमं धनम् . केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की रीब्रांडिंग को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक लेटर भी भेजा है. राज्यों को पोर्टल पर रीब्रांडेड प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीरें अपलोड करने के लिए भी कहा गया है. लेकिन अचानक से सरकार को इसकी ज़रूरत महसूस क्यों हुई, हेल्थ सेंटर के नाम को मंदिर से जोड़ना कर क्या एक बेवजह के विवाद को बुलावा देने जैसा नहीं है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 30 नवंबर को होगी लेकिन उससे पहले एक रिपोर्ट आई है जो विधायकों की संपत्ति के बारे में कुछ बताती है. इसे एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने जारी किया है. ये कहती है कि फिर से चुनाव लड़ रहे 103 विधायकों की औसत संपत्ति 23.87 करोड़ रुपये है, जो 2018 के 14.44 करोड़ रुपये से लगभग 9 करोड़ रुपये अधिक है, प्रतिशत में बात करें तो ये पहले से 65 प्रतिशत ज़्यादा है. उम्मीदवारों ने इसकी जानकारी अपने एफ़िडेविट में दी है. भोंगिर सीट से बीआरएस पैला शेखर रेड्डी की संपत्ति में सबसे ज़्यादा इजाफ़ा हुआ है, 2018 में उनके पास 91.04 करोड़ रुपये केएसेट थे, जो 2023 में बढ़कर 227.51 करोड़ रुपये के हो गए. ऐसा भी नहीं है की सभी मौजूदा विधायक की संपत्ति बढ़ी ही है, कुछ के घटे भी हैं तो कुछ ने मामूली वृद्धी देखी है. किस पार्टी के विधायकों ने पिछले पांच सालों में सबसे ज़्यादा तरक्की देखी है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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