REGRET Mean In Indian Railways: भारतीय रेल देश की लाइफ लाइन कही जाती है. प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग ट्रेन में सफर करते हैं. कई बार टिकट बुकिंग या रिजर्वेशन (Ticket Reservation) के दौरान रिग्रेट हो जाता है और NR यानी नो रूम बताने लगता है. ऐसे में वेटिंग लिस्ट का टिकट भी नहीं मिलता है.
रेलवे के नियम के मुताबिक रिग्रेट होने के बाद उस ट्रेन में वेटिंग लिस्ट में भी रिजर्वेशन नहीं मिल सकता. आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं रेलवे में रिग्रेट (REGRET) का क्या मतलब है....
दरअसल, भारतीय रेलवे (Indian Railways) के अंतर्गत चलने वाली जनरल, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षण यानी रिजर्वेशन (Reservation) की सुविधा दी जाती है. जिससे यात्री पहले ही अपना टिकट बुक (Ticket Booking) करके सीट रिजर्व कर लें और कंफर्म टिकट पर सुविधाजनक यात्रा करें. हालांकि, कोरोना संकट के चलते रेलवे फिलहाल आरक्षित ट्रेनें (Reserved Trains) चला रहा है तो रिजर्वेशन कराना अनिवार्य ही है.
आरक्षित ट्रेनों में हर क्लास के लिए एक निर्धारित कोटा होता है. जिसके तहत पहले कंफर्म टिकट दिया जाता है. उसके बाद रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC) यानी आरएसी का टिकट मिलता है. आरएसी की भी लिमिट खत्म हो जाने के बाद वेटिंग टिकट मिलता है. RAC और वेटिंग की संख्या उस ट्रेन की कुल सीट के आधार पर तय होती है. लेकिन आरएसी के साथ-साथ वेटिंग टिकट की भी एक सीमा होती है, जो सभी ट्रेनों में अलग-अलग हो सकती है.
ऐसे में जब वेटिंग टिकट की निर्धारित सीमा खत्म हो जाती है. तो उस ट्रेन का टिकट रिग्रेट (Regret) हो जाता है. इसका मतलब ये है कि अब उस ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं कराया जा सकता.
ट्रेनों में टिकट का आरक्षण कराते समय आरक्षण काउंटर के बुकिंग क्लर्क द्वारा कोड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे NR यानी नो रूम कहते हैं. यू तो आम बोलचाल में नो रूम कहा जरूर जाता है, लेकिन इसका मतलब भी यही होता है कि उस ट्रेन में अब वेटिंग लिस्ट का भी टिकट नहीं मिल सकता.