एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भारतीय वायुसेना के प्रमुख बनाए गए हैं. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायु सेना ने राफेल लड़ाकू विमान आदि जैसे उपकरणों को बॉर्डर पर तेजी से ऑपरेशनल बनाया है. राफेल ने पिछले साल चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान अहम भूमिका भी निभाई थी. नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के तुरंत बाद, चौधरी ने इंडिया टुडे से विशेष बात करते हुए अपनी आगे की प्राथमिकताओं पर बात की.
उन्होंने कहा, ''आप जानते हैं कि हमने राफेल लड़ाकू विमान या सतह से हवा में निर्देशित मिसाइल जैसे कई नए उपकरण पेश किए हैं. हमने उन्हें बहुत कम समय में तैनात किया. इसी तरह, जो भी नया उपकरण आएगा, हम अपनी परिचालन तैयारियों को बढ़ाने के लिए उसे तुरंत तैनात करेंगे."
चौधरी ने कहा कि भारत में निर्मित एस्ट्रा, आकाश एडिशनल, 83 एलसीए और डीआरडीओ के एमआरएसएएम को तुरंत चालू किया जाएगा. उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मेरी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि एयर पावर के उचित और सही इस्तेमाल के जरिए से देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो. दूसरा, भविष्य के युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने सभी कर्मियों को प्रशिक्षित, प्रेरित और लैस करने में सक्षम करना. इसके बाद, हमें हर तरह से आत्मनिर्भर बनने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में विशाल कदम उठाना होगा."
बता दें कि एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (वीआर चौधरी) ने गुरुवार को एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से चीफ ऑफ एयर स्टाफ का पदभार ग्रहण कर लिया. वह वायुसेना के 27वें प्रमुख बने. आरकेएस भदौरिया 42 साल की सेवा के बाद आज भारतीय वायुसेना (IAF) में शीर्ष पद से सेवानिवृत्त हो गए और वे 36 राफेल और 83 मार्क 1 ए स्वदेशी तेजस जेट सहित दो मेगा लड़ाकू विमान सौदों के वास्तुकार थे.