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'जस्टिस फॉर हाथरस' वेबसाइट की मिस्ट्री: प्रोटेस्ट पोर्टल से जुड़े पहलुओं को जानिए

यूपी सरकार की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक इस वेबसाइट का इस्तेमाल 19 साल की लड़की के कथित रेप की घटना के संदर्भ में दंगे कराने, धन इकट्ठा करने और अफवाहें फैलाने के मकसद से किया गया.

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विरोध प्रदर्शन या दंगे की साजिश?
विरोध प्रदर्शन या दंगे की साजिश?

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने हाथरस के कथित रेप केस के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शनों की कथित तौर पर मदद करने के लिए एक वेबसाइट https://justiceforhathrasvictim.carrd.co/ की ओर इशारा किया है. यूपी सरकार की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक इस वेबसाइट का इस्तेमाल 19 साल की लड़की के कथित रेप की घटना के संदर्भ में दंगे कराने, धन इकट्ठा करने और अफवाहें फैलाने के मकसद से किया गया. इस लड़की की बाद में अस्पताल में मौत हो गई.  

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हालांकि वेबपेज की होस्टिंग करने वाले सर्विस प्रोवाइडर ने इंडिया टुडे को बताया कि जिस अकाउंट ने कंटेंट अपलोड किया, उसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि अकाउंट और उसके कंटेंट को स्थायी रूप से हटा लिया गया है. कंटेंट के बारे में एब्यूज रिपोर्ट मिलने के बाद ऐसा किया गया. विवादित वेबपेजेस के बारे में क्या-क्या जानकारी उपलब्ध है, उसका उल्लेख आगे किया गया है.  

ये गौर करना आवश्यक है कि यह वेबपेज व्यापक वेबसाइट नहीं हैं, बल्कि एक लोकप्रिय वेब प्लेटफॉर्म द्वारा होस्ट किया गया लैंडिंग पेज है. इस वेब प्लेटफॉर्म को Carrd के नाम से जाना जाता है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फ्री एक पेज की वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है.  

और क्योंकि, यह एक स्वतंत्र रूप से पंजीकृत वेबसाइट नहीं है, इसलिए इन पेजों के मूल क्रिएटर तक ओपन सोर्स टूल्स (जैसे कि WHOIS लुकअप) के जरिए आभासी पहुंच बनाना लगभग असंभव है.   

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दुनिया में विरोध प्रदर्शनों के दौरान इस्तेमाल 

दुनिया भर में इंटरनेट आयोजित नागरिक अधिकार प्रदर्शनों के लिए सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन मंचों में से Carrd.co  भी एक है. जब अमेरिका में "ब्लैक लाइव्स मैटर" प्रदर्शन शुरू हुए तो प्रदर्शनकारियों को जोड़ने के लिए Carrd प्लेटफार्म कड़ी बन गया. 

इसी तरह विभिन्न Carrd प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुआ. ऐसा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की ओर से छात्रों और एक्टिविस्ट्स के खिलाफ क्रैकडाउन शुरू किए जाने के दौरान हुआ. हांगकांग स्थित लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म जैसे कि “https://standwithhongkong.carrd.co/”, “https://protesttips.carrd.co/” और  “https://savehongkong.carrd.co/” दोनों को इंटरनेट पर हांगकांग के अंदर और बाहर प्रसारित किया गया.  

इसी तरह उइगर आबादी के खिलाफ चीनी अधिकारियों के अत्याचारों के खिलाफ Carrd प्लेटफॉर्म भी लोकप्रिय हैं. इनमें से अधिकतर प्लेटफॉर्म्स जैसे कि “https://hearuyghurs.carrd.co/”, “https://savetheuighurs.carrd.co/’ और “https://uyghurs.carrd.co/” का इस्तेमाल प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी को एक जगह संकलित करने के लिए किया गया, जिससे कोई भी उसका इस्तेमाल कर सके.  

एक्टिविस्ट्स इन प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल सभाओं को आयोजित करने, सूचनाएं फैलाने और फंड इकट्ठा करने के लिए भी करते हैं. यह प्लेटफॉर्म युवा आबादी के बीच बेहद लोकप्रिय हैं जो जीवन, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, बोलने की आजादी और जेंडर अधिकारों को देशों की सीमाओं से पार श्रेष्ठ मूल्य मानते हैं.  

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भारत में अन्य अभियानों को चलाने में भी बड़े पैमाने पर Carrd पेजेस का इस्तेमाल किया गया, जिसमें प्रवासी संकट, मॉब लिंचिंग और पर्यावरण से जुड़े अभियान शामिल हैं. कश्मीर में अलगाववाद का समर्थन करने कुछ Carrd प्लेटफॉर्म्स भी पहले रिपोर्ट हो चुके हैं. 

हाथरस केस में,  सवालों में आए वेब पेज को भी उसी तरह प्रसारित किया गया जैसे कि सोशल मीडिया हैंडल्स अधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर पोस्ट करते रहते हैं. इस तरह की पोस्ट्स में से अधिकतर K-pop (दक्षिण कोरिया से क्रिएट होने वाले लोकप्रिय संगीत का संक्षिप्त नाम) और गेमिंग हैंडल्स से आए थे.

Carrd का संस्थापक एक अनाम अमेरिकी डेवेलपर है जो एक छद्म नाम 'AJ'  से जाना जाता है. 'AJ' ने अपनी पोस्ट्स में Carrd  को इस तरह परिभाषित किया- "किसी भी चीज के लिए आसान, पूरी तरह से उत्तरदायी एक पेज वाली वेबसाइट बनाने के लिए एक मुफ्त प्लेटफॉर्म बताया.” 'AJ' के मुताबिक ये अब बहुत बड़े आकार में विकसित हो गया है.   

'AJ' ने इंडिया टुडे को बताया कि हाथरस वेबपेज के स्वामित्व के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं थी. 'AJ' ने बताया, "दुर्भाग्य से स्वामित्व की जानकारी अनुपलब्ध है क्योंकि उपरोक्त साइट को पहले ही हटाया जा चुका है. साइट और उससे जुड़े अकाउंट को दुरुपयोग (एब्यूज) की रिपोर्ट मिलने के बाद स्थायी रूप से हटा दिया गया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इसमें ऐसा कंटेंट शामिल था जिसे हमारे उपयोग की शर्तों का उल्लंघन माना गया था.” 

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Carrd  में एक कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी है जो यूजर्स को ऐसा कंटेंट पब्लिश करने से रोकती है जिनसे कानूनों का उल्लंघन होता हो, या जो धमकाने, अपशब्द, मानहानि, निजता में दखल और पोर्नोग्राफिक वाली प्रकृति के हों, और जिनसे आपराधिक आचरण या गतिविधि को बढ़ावा मिलता हो.  

मॉडरेटर के ध्यान में इन उल्लंघनों वाले पेजेस को लाया जाता है तो वो नीति के मुताबिक हटाए जाने के लिए उपयुक्त होते हैं. यूपी सरकार ने आरोप लगाया है कि हाथरस की घटना के बाद अफवाहों और दंगों को फैलाने के लिए Carrd के पेजेस का इस्तेमाल किया गया. 

 

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