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Exclusive: यूपी समेत अन्य राज्यों के चुनावों में क्या रहेगा प्रशांत किशोर का रोल?

पिछले कुछ समय में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है और महज अटकलें ही बनी हुई हैं.

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प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी समेत अन्य राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव
  • बंगाल में TMC को 'जिताने' के बाद रिटायरमेंट ले चुके हैं पीके
  • आगामी विधानसभा चुनाव से भी रह सकते हैं दूर

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पार्टियां रणनीति तैयार करने में लग गई हैं, लेकिन कई लोगों की निगाहें इस बार किसी राजनैतिक दल से ज्यादा जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) पर बनी हुई हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर 'ब्रेक' पर चल रहे हैं और वह आने वाले चुनावों से खुद को दूर रख सकते हैं. यानी कि प्रशांत किशोर के किसी पार्टी के लिए रणनीति बनाने की संभावनाएं नहीं हैं. पिछले कुछ समय में प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है और महज अटकलें ही बनी हुई हैं.

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अगले साल मार्च से पहले कोई असाइनमेंट नहीं लेंगे पीके

प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ब्रेक लेने का फैसला किया है और अगले साल मार्च से पहले कोई असाइनमेंट नहीं लेंगे. सूत्र ने कहा, ''वह अगले साल तक किसी भी पार्टी के अंदर या बाहर से कोई भूमिका नहीं निभाएंगे. पीके ने ऐलान किया था कि वह जो काम करते आ रहे हैं, अब वह नहीं करेंगे.

उन्होंने क्या करने का प्लान बनाया है, इसके बारे में कुछ भी कहने का समय अभी काफी शुरुआती है.'' ऐसे में इसका साफ मतलब है कि प्रशांत किशोर उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई भूमिका निभाने के इच्छुक नहीं हैं. सूत्र ने कहा, ''उनका यह ब्रेक मार्च 2022 के बाद भी आगे जारी रहेगा या नहीं, यह तय नहीं है.''

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टीएमसी की जीत के बाद पीके ने की थी 'रिटायरमेंट' की घोषणा

इस साल मई में आए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को बंपर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के पद से रिटायरमेंट लेने का ऐलान कर दिया था. पीके ने चुनाव से पहले कहा था कि बीजेपी दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सकेगी और चुनावी नतीजों में यही हुआ था.

जीत के बाद पीके ने कहा था, ''मैं इसे छोड़ने के लिए काफी समय से मन बना रहा था और बंगाल ने यह चांस दे भी दिया.'' अब दिलचस्प बात यह है कि पीके ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल में एक भूमिका से खुद को दूर कर लिया है. 

पीके की एंट्री पर कांग्रेस में चर्चा जारी

उधर, पीके को पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस का माहौल गर्मा गया है. पीके को लेकर जी-23 के सीनियर नेताओं समेत कई अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस हाई कमान ने बैठकें भी की हैं. एके एंटनी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, जयराम रमेश, तारिक अनवर, हरीश रावत, पी चिदंबरम और अन्य की राय लिए जाने की चर्चाएं हैं.

यहां तक भी कहा गया कि पिछले दिनों जन्माष्टमी के मौके पर कपिल सिब्बल के घर हुई जी-23 के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई. इसके बाद, नेताओं ने एक वरिष्ठ नेता के माध्यम से नेतृत्व को संदेश भी दिया कि पार्टी के बाहर प्रतिभाओं की तलाश करने के बजाय पार्टी के भीतर देखने की जरूरत है.

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