कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान एक छात्र के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देकर नई कंट्रोवर्सी को खड़ा कर दिया है. इस घटना का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
दअरसल, बुधवार को मधु बंगारप्पा फ्री ऑनलाइन नीट, सरकारी प्री-डिग्री कॉलेज के छात्रों के लिए सीईटी कोचिंग के शुभारंभ कार्यक्रम के लिए विधाना सौधा पहुंचे थे. इस दौरान वह छात्रों से बात कर रहे थे, तभी एक अज्ञात छात्र ने कहा कि वे ठीक से कन्नड नहीं बोलते. इस पर मंत्री भड़क गए और कहा कि किसने कहा कि मुझे कन्नड़ नहीं आती? साथ ही उन्होंने छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसको लेकर भाजपा ने मंत्री की इस प्रतिक्रिया की निंदा की है.
वीडियो हुआ वायरल
इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि में बांगड़प्पा ऑनलाइन संवाद में छात्रों के साथ नजर आ रहे हैं. एक अनजान छात्र ने मंत्री को यह कहते हुए सुना कि वह ठीक से कन्नड़ नहीं बोलते हैं. ये सुनकर बांगड़प्पा ने कहा, ‘कौन कह रहा है? क्या मैं अब उर्दू में बोल रहा हूं? टीवी पर बैठे लोग कहते हैं कि इसे चलाते हैं. किसने कहा कि मैं कन्नड़ नहीं जानता? इसे दर्ज करें, उनके खिलाफ कार्रवाई करें. यह बहुत मूर्खतापूर्ण था. इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. मैं चुप नहीं रहूंगा और इसे जाने दूंगा.”
इसके बाद बंगारप्पा ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी रितेश कुमार को निर्देश दिया कि इस मामले पर वह नजर बनाएं. रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग के अधिकारी उस छात्र की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं. जिसने यह टिप्पणी की थी.
बीजेपी ने की शिक्षा मंत्री की आलोचना
वहीं, इस घटना पर बीजेपी ने मंत्री की इस प्रतिक्रिया की आलोचना की है. बीजेपी नेता बसनगौड़ा आर पाटिल यतनाल न सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कई कन्नड़ न्यूज चैनलो को टैग करते हुए एक्स पर लिखा, ये राज्य को पता है कि शिक्षा मंत्री कन्नड़ नहीं बोलते हैं. मंत्री का मीडिया के सामने छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहना ये दिखाता है कि वह इतने बेईमान हैं.
यतनाल ने आगे कहा कि "राज्य के शिक्षा मंत्री को कन्नड़ में स्पष्ट रूप से बोलना, लिखना, पढ़ना और संवाद करना सीखना चाहिए और छात्रों और पत्रकारों दोनों की रचनात्मक आलोचना को स्वीकार किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में छात्रों समेत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. इसे दबाना घृणित और निंदनीय है. मंत्री की अक्षमता पर सवाल उठाने वाले छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
सीएन अश्वथ नारायण ने भी की आलोचना
यतनाल के अलावा बीजेपी विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने भी बंगारप्पा की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि वह ऐसा व्यवहार कर रहें है मानो वह सेना के कमांडर हों. वह सार्वजनिक जीवन में हैं और उन्हें इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए. मैं चाहता हूं कि उस छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए.
बंगारप्पा की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब राज्य न केवल स्कूलों में बल्कि कॉर्पोरेट कार्यालयों में भी कन्नड़ को अनिवार्य बनाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं.