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पश्चिम बंगाल में संदेशखाली (Sandeshkhali) मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है. बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है. वहां कुछ महिलाओं ने जो आरोप लगाए हैं वो बेहद संगीन और शर्मनाक हैं. अलग-अलग जांच बिठाई जा चुकी है लेकिन आरोपियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. अब उस मामले को लेकर संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है और तीन दिनों से बीजेपी और पुलिस में झड़प जारी है.
संदेशखाली में तनाव को लेकर हालात गंभीर हैं. पूरा इलाका सुलग रहा है. पीड़ित महिलाएं इंसाफ मांग रही हैं और पुलिस ने संदेशखाली में पहरा बैठा रहा है. बंगाल के कोने-कोने में बीजेपी सड़क पर उतर रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ गुस्सा है. पीड़ितों द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वो बेहद संगीन हैं.
बीजेपी इस मुद्दे को लेकर सड़क पर है. दो दिन पहले ही बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने संदेशखाली जाने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया. लाठियां बरसाईं, जिसमें मजूमदार जख्मी हो गए. एक दिन पहले बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी संदेशखाली जाना चाहा, लेकिन पुलिस दीवार की तरह डट गई. शुभेंदु अधिकारी और उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प हुई.
बीजेपी टीम भी नहीं जा सकी संदेशखाली
आज जब बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम जब संदेशखाली जा रही थी तो उसे बंगाल पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए रोक दिया. इस दौरान बीजेपी नेताओं की पुलिस अधिकारियों से काफी कहासुनी हुई. वहां रोके जाने के बाद बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है और सरकार गुंडों को बचा रही है. BJP नेताओं का आरोप है कि संदेशखाली में.बड़े पैमाने पर अत्याचार हुआ है, पुलिस ने उन्हें रोककर ये साबित कर दिया है. अब बीजेपी की टीम कोलकाता में राज्यपाल से मुलाकात करेगी.
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कहां हैं संदेशखाली
बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है. यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं. पिछले महीने जब तृणमूल कांग्रेस के नेता टीएमसी नेता शाहजहां शेखे के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी तो उन्होंने ईडी की टीम पर ही हमला कर दिया जिसके बाद यह इलाका खूब सुर्खियों में रहा था.
भयावह हैं आरोप
यहां की महिलाएं पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के अत्याचार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने खुद अपनी आपबीती सुनाई है.महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए.
आरोप लगाने वाली एक महिला ने बताया कि टीएमसी के लोगगांव में घर-घर जाकर चेक करते हैं और इस दौरान अगर घर में कोई सुंदर महिला या लड़की दिखती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसे अगवा कर ले जाते थे और फिर उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर यहां अन्य जगह पर रखा जाता और अगले दिन यौन उत्पीड़न करने के बाद उसे उसके घर या घर के सामने छोड़ जाते थे. इसके बाद जैसे ही मामला सामने आया तो राज्यपाल ने तुरंत मामले पर संज्ञान लिया और खुद संदेशखाली पहुंच गए और बात में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संदेशखाली में जो हुआ वो होश उड़ा देने वाला था.
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ममता सरकार के खिलाफ सड़कों पर बीजेपी
इसके बाद बीजेपी ने मामले पर बंगाल सरकार को घेरते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए. 13 फरवरी को पार्टी के इसे लेकर बशीरहाट में एसपी कार्यालय के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.
बाद में 13 फरवरी को, कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा की घोषणा को रद्द कर दिया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली का दौरा किया और उन महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने का वादा किया. राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्यों ने भी इलाके का दौरा किया और पीड़ितों से बात की. इस मामले पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर "माहौल खराब करने" की कोशिश करने का आरोप लगाया. घोष ने कहा, "आरोप निराधार हैं. भाजपा इलाके का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है.वे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ना चाहते हैं।"
कौन है शाहजहां शेख
संदेशखाली कांड का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख है जो 5 जनवरी से फरार है. पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में जब 5 जनवरी को ईडी की टीम जब शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां उसके गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था. 200 से अधिक स्थानीय लोगों ने अधिकारियों और उनके साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को घेर लिया था.
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भीड़ ने अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी. इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता घायल हो गए थे. इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन, मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अभी भी फरार है. शाहजहां को पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है.
इससे पहले ईडी ने शाहजहां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था. उसके बाद शाहजहां की एक ऑडियो क्लिप सामने आई थी. इसमें शाहजहां कहता है कि मृत्यु अपरिहार्य है, लेकिन हमें अपराध और गलत काम के खिलाफ लड़ना होगा. मैं कभी किसी अपराध में शामिल नहीं रहा हूं. अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने कुछ भी गलत किया है तो जान देने के लिए तैयार हूं. अपना चेहरा भी नहीं दिखाऊंगा. '