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शारीरिक ही नहीं, मानसिक बीमारी बनकर आया कोरोना! जानें महामारी ने भारतीयों को कैसे डिप्रेशन में धकेला

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी नए डेटा से पता चला है कि कोविड महामारी के दौरान भारतीयों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में 9.3 फीसदी युवा (18 से 24 साल) डिप्रेशन से जूझ रहे थे. ये आंकड़ा मार्च 2022 में बढ़कर 16.8 फीसदी पहुंच गया. इसी दौरान डिप्रेशन से जूझ रहे 45 से 64 साल की उम्र के लोगों की संख्या दोगुनी हो गई.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दुनियाभर में कोरोना महामारी के बाद से लोग सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक समस्याओं से भी जूझ रहे हैं. एक तरीके से तनाव और डिप्रेशन की इस स्थिति में इजाफा ही हुआ है, जिसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट ने की है.

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डब्ल्यूएचओ की 2022 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि कोरोना के शुरुआती दो साल में दुनियाभर में लोगों में तनाव और डिप्रेशन 25 फीसदी बढ़ा है. कोरोना की वजह से युवाओं और महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा प्रभाव अन्य लोगों की तुलना में अधिक है.

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी नए डेटा से पता चला है कि कोविड महामारी के दौरान भारतीयों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में 9.3 फीसदी युवा (18 से 24 साल) डिप्रेशन से जूझ रहे थे. ये आंकड़ा मार्च 2022 में बढ़कर 16.8 फीसदी पहुंच गया. इसी दौरान डिप्रेशन से जूझ रहे 45 से 64 साल की उम्र के लोगों की संख्या दोगुनी हो गई.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान श्रम बाजार में अस्थिरता, समाज से कटाव और कम्युनिकेशन गैप डिप्रेशन बढ़ने के प्रमुख कारण थे. इसके अलावा अकेलापन, संक्रमण का डर, करीबियों की मौत और आर्थिक दिक्कतें भी इस अवसाद के बढ़ने का कारण रहे.

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2020 में लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में देश के ग्रामीण इलाकों के लोगों में डिप्रेशन की समस्या अधिक नहीं थी लेकिन बाद के महीनों में जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ तो लोगों में डिप्रेशन की समस्या तेजी से बढ़ने लगी. डिप्रेशन की यही स्थिति कम पढ़े-लिखे लोगों में भी देखने को मिली. सेकेंडरी या इससे कम एजुकेशन प्राप्त लोग भी डिप्रेशन का अधिक शिकार हुए. इनमें से मार्च 2022 के दौरान 16.2 फीसदी आबादी डिप्रेशन का शिकार हुई. मेंटल केयर सुविधाओं की कमी से भी लोगों में मानसिक बीमारियों में इजाफा हुआ. 

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