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एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी...जानिए बीजेपी के 'मिशन केरल' के लिए कितने फिट?

अनिल एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे हैं. एके एंटनी यूपीए सरकार में देश के रक्षा मंत्री रहे. वे तीन बार केरल के सीएम भी रहे हैं. अनिल केरल की राजनीति में भले ही खुद बड़े नेता न हों, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता एके एंटनी के बेटे होने से उनका सियासी महत्व बढ़ जाता है. केरल में सियासी जमीन तलाशने में जुटी बीजेपी के लिए उनकी एंट्री किसी उपलब्धि से कम नहीं है.

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अनिल एंटनी गुरुवार को बीजेपी में हुए शामिल
अनिल एंटनी गुरुवार को बीजेपी में हुए शामिल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए. इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अनिल ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के मुद्दे पर जनवरी में ही कांग्रेस से दूरी बना ली थी. इसके बाद उन्होंने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद माना जा रहा था कि वे बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. अनिल एंटनी केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया सेल के प्रभारी थे. 

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अनिल एंटनी एके एंटनी के बेटे हैं. एके एंटनी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं. एंटनी यूपीए की दोनों सरकारों में मंत्री रहे. वे 8 साल तक देश के रक्षा मंत्री रहे. एंटनी इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. एके एंटनी को सोनिया गांधी का भरोसेमंद नेता माना जाता है. भले ही एके एंटनी ने चुनावी राजनीति छोड़ दी हो, लेकिन अभी भी वे भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोर ग्रुप के सदस्य हैं. इतना ही नहीं एंटनी पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं. 

अनिल केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया प्रभारी और AICC सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल के कन्वेनर भी रहे हैं. अनिल केरल की राजनीति में भले ही खुद बड़े नेता न हों, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता एके एंटनी के बेटे होने से उनका सियासी महत्व बढ़ जाता है. अनिल एके एंटनी के सियासी वारिस भी हैं. एके एंटनी ईसाई समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं. केरल में ईसाई समुदाय कांग्रेस का भरोसेमंद वोटर रहा है. ऐसे में कांग्रेस में पैर पसारने में जुटी बीजेपी के लिए अनिल की एंट्री काफी अहम साबित हो सकती है. 

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अनिल एंटनी 37 साल के हैं. उनका जन्म केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ. अनिल एक टेक इंटरप्रेन्योर और नेता हैं. उन्होंने त्रिवेंद्रम से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स किया.   

क्या केरल में बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगे अनिल?

बीजेपी लगातार केरल में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश में जुटी है. ऐसे में कांग्रेस के बड़े नेता एके एंटनी के बेटे को पार्टी में शामिल कराना बीजेपी के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. इतना ही नहीं अनिल केरल के सबसे बड़े ईसाई समुदाय से आते हैं. यह बीजेपी के लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकता है, क्योंकि बीजेपी लंबे वक्त से केरल में ईसाई समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी है. अभी राज्य में बीजेपी के पास टॉम वडक्कन और पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस के अलावा काफी कम बड़े ईसाई नेता हैं. 

 
केरल में बीजेपी ने अब तक एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती. ऐसे में बीजेपी केरल में ईसाई समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए लगातार कोशिशों में जुटी है. बीजेपी ने पिछले साल क्रिसमस पर ईसाई समुदाय के घरों में केक बांटी थी, तो इस बार ईसाइयों के घरों में जाकर पार्टी ने ईस्टर मनाने की योजना बनाई है. 

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पीएम मोदी से मिले बिशप बसेलियोस

इससे पहले बुधवार को मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के बिशप बसेलियोस मार्थोमा मैथ्यूज ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को अगले केरल दौरे पर चर्च में आने का निमंत्रण भी दिया था. बिशप ने कहा था कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रही है. मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च का केरल में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है. दावा है कि राज्य में इसके 25 लाख अनुयायी हैं. 

अनिल एंटनी ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?

अनिल एंटनी और कांग्रेस के बीच मनमुटाव की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई. अनिल ने गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीबीसी की आलोचना कर केरल की राजनीति में भूचाल ला दिया था. उन्होंने कहा था, ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को भारतीय संस्थानों के ऊपर रखना देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा. 

अनिल एंटनी ने कहा था, बीजेपी से मतभेदों के बावजूद जो लोग ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर और ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ के विचारों का समर्थन करते हैं और उन्हें भारतीय संस्थानों के ऊपर मानते हैं, वे एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं. 
 
एंटनी के इस बयान को लेकर केरल कांग्रेस के नेताओं ने उनपर निशाना साधा था. इसके बाद अनिल ने KPCC डिजिटल मीडिया और AICC सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. 

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बेटे के फैसले ने दुख पहुंचाया- एके एंटनी

वहीं, एके एंटनी ने कहा कि उनके बेटे ने बीजेपी में शामिल होकर उन्हें दुख पहुंचाया. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्भाव है. 2014 से देश को अस्थिर करने के प्रयास हो रहे हैं. जहां तक ​​मेरा सवाल है, मैं अपनी आखिरी सांस तक इन प्रयासों के खिलाफ लड़ूंगा.

उन्होंने कहा, 2014 में विध्वंस की चाल धीरे-धीरे चल रही थी. लेकिन 2019 के बाद से इसने रफ्तार पकड़ी है. एके एंटनी बोले कि मैं 82 साल का हूं. मैं अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर हूं और मैं बता दूं कि मैं आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहूंगा. 

 

कांग्रेस नेता ने कहा, भाजपा इस देश के संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रही है. कांग्रेस नेता एके एंटनी ने स्पष्ट कहा, मैं अपनी आखिरी सांस तक आरएसएस और बीजेपी की सभी गलत नीतियों का विरोध करूंगा.
 

 

बीजेपी में शामिल होने के बाद क्या बोले अनिल?

बीजेपी में शामिल होने के बाद अनिल ने कहा, कांग्रेस में कई लोग सोचते हैं कि उनका धर्म एक परिवार के लिए काम करना है, लेकिन मेरा धर्म ऐसा नहीं है. मेरा धर्म इस देश के लिए काम करना है. उन्होंने कहा, मेरा मानना ​​है कि पीएम के नेतृत्व में हमारे पास अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित देश बनाने का विजन है. पीएम के राष्ट्र निर्माण के विजन में योगदान देना मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है.
 

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