AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के 'मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं' वाले बयान पर पलटवार किया है. ओवैसी ने पूछा कि मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की 'अनुमति' देने वाला मोहन कौन होते हैं? इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा कि अल्लाह ने चाहा, इसलिए हम भारतीय हैं.
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में मुसलमानों को लेकर एक बयान दिया था. मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में मुस्लिमों को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. इस्लाम को कोई भय नहीं है. लेकिन उन्हें अपनी श्रेष्ठता को लेकर बड़बोले बयानबाजी निश्चित ही छोड़ देनी चाहिए.
ओवैसी बोले- हम आपको खुश करने के लिए नहीं
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए पूछा, ''मोहन कौन हैं, जो मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की 'अनुमति' दें? हम भारतीय हैं क्योंकि अल्लाह ने चाहा. उन्होंने हमारी नागरिकता पर शर्तें लगाने की हिम्मत कैसे की? हम भारत में अपने विश्वास को समायोजित या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं.
चीन से चोरी, हमसे सीनाजोरी क्यों?- ओवैसी
ओवैसी ने कहा, चीन के लिए यह 'चोरी' और साथी नागरिकों के लिए 'सीनाजोरी' क्यों? यदि हम वास्तव में युद्ध में हैं, तो क्या संघ सरकार 8 सालों से सो रही है? उन्होंने पूछा कि मोहन को हिन्दुओं का प्रतिनिधि किसने चुना? क्या वे 2024 में चुनाव लड़ रहे हैं? उनका स्वागत है. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से हिंदू हैं, जो आरएसएस की बयानबाजी को भड़काऊ मानते हैं. ऐसे में अल्पसंख्यक कैसा महसूस करते हैं, यह दूर की बात है.
पीएम ने देश के मुस्लिम को नहीं लगाया गले- ओवैसी
ओवैसी ने पूछा कि पीएम मोदी दुनियाभर के देशों के मुस्लिम नेताओं को गले लगाते हैं. लेकिन उन्होंने भारत के एक भी मुस्लिम से गले मिलते नहीं देखा गया.
कपिल सिब्बल ने भी दी प्रतिक्रिया
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए, इस बात से सहमत हूं. लेकिन इंसान को भी इंसान रहना चाहिए.
क्या कहा था भागवत ने?
संघ प्रमुख ने आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर और पांचजन्य को इंटरव्यू दिया था. इसमें मोहन भागवत ने कहा था कि यह सरल सत्य है कि हिन्दुस्तान को हिन्दुस्तान ही रहना चाहिए. आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है. इस्लाम को कोई भय नहीं है. लेकिन साथ साथ मुसलमान अपनी श्रेष्ठता से जुड़े बड़बोले बयानों को छोड़ दें.
मुस्लिमों को लेकर मोहन भागवत ने कहा था, "हम एक महान नस्ल के हैं, हमने एक बार इस देश पर शासन किया था, और इस पर फिर से शासन करेंगे, सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं. हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे, हम साथ नहीं रह सकते, मुस्लिमों को, इस नैरेटिव को छोड़ देना चाहिए. वास्तव में, यहां रहने वाले सभी लोग - चाहे हिंदू हों या कम्युनिस्ट - इस तर्क को छोड़ देना चाहिए."