देश के 22 वें विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर आम जनता से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के शुरू होने के साथ ही देश में इसे लेकर एक बहस भी छिड़ गई है. यूसीसी को लेकर तमाम नेताओं, लोगों, दलों और संगठनों द्वारा बयान जारी किए जा रहे हैं और पक्ष तथा विपक्ष में अलग-अलग दलीलें दी जा रही हैं. इस बीच राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने यूसीसी का समर्थन करते हुए कहा है कि देश संविधान से चलेगा और वह यूसीसी का समर्थन करते हैं.
कौन हैं आतिफ रशीद
-आतिफ रशीद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा आतिफ रशीद राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं.
-वर्तमान में आतिफ रशीद बीजेपी कार्यकर्ता होने के साथ- साथ राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
-आतिफ रशीद दिल्ली बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जब बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय थे, तो तब उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी.
जब चर्चा में आए थे आतिफ
-हाल ही में जब पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था तो दो महिला सांसदों ने संबोधन का बहिष्कार करते हुए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. तब आतिफ रशीद ने अमेरिकी सांसदों को आईना दिखाते हुए कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि अमेरिका सांसद भारत की गलत छवि पेश कर रहे हैं जबकि वह खुद अल्पसंख्यक समाज से आते हैं जिन्हें भारत में बराबरी का हक है.
- 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद वहां जब हिंसा भड़की तो कई लोगों की जान चले गई. इस हिंसा के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 7 सदस्यों ने राज्य का दौरा किया था जिसमें आतिफ रशीद भी शामिल थे.इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कोलकाता के जादवपुर इलाके में उन पर हमला हुआ था. तब उन्होंने ममता बनर्जी सरकार और बंगाल पुलिस की जमकर आलोचना की थी.
यूसीसी को लेकर कर रहे हैं जनसंपर्क
आतिफ रशीद बीजेपी के प्रमुख चेहरों में भी शुमार हैं और कई मंचों पर वह खुलकर सरकार का पक्ष रखते हैं. अब समान नागरिक संहिता को लेकर वह यूसीसी को लेकर सरकार मुस्लिम समाज के बीच में सरकार का पक्ष रख रहे हैं. यूसीसी को लेकर उन्होंने कहा था कि जिस तरह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया गया, उसी तरह यूसीसी को लेकर भी अफवाह फैलाने की कोशिशें की जा सकती हैं लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे.
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी. हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए अपने-अपने कानून हैं. UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे. UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा.