महाराष्ट्र से आने वाली रक्षा खडसे ने मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है. रक्षा खडसे शरद पवार गुट के एनसीपी नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं, जिन्होंने भाजपा में वापस जाने का फैसला किया था. रक्षा के पति निखिल खड़से ने साल 2013 में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
महाराष्ट्र के रावेर से दो बार की भाजपा सांसद ने अब तीसरी बार यानी 2024 का लोकसभा चुनाव लगभग 3 लाख वोटों के भारी अंतर से जीता है. रक्षा को उनकी व्यक्तिगत ताकत और सौम्य व्यवहार के लिए जाना जाता है. अपने दो छोटे बच्चों को गोद में लिए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल होती रही हैं. जिससे उनकी पर्सनल लाइफ और राजनीतिक जिम्मेदारियों के बीच बैलेंस बनाने की अद्भुत क्षमता नजर आती है.
रक्षा का जन्म मध्य प्रदेश के खेतिया में हुआ था. उनका राजनीतिक जीवन जमीनी स्तर पर शुरू हुआ, जहां उन्होंने कोठाडी गांव की सरपंच और बाद में जलगांव जिला परिषद की सदस्य के रूप में जिम्मेदारी संभाली. स्थानीय राजनीति में उनकी शुरुआती सफलता ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों में सांसद के रूप में जगह दिलाई. जहां उन्होंने एनसीपी के मनीष जैन को 318,608 वोटों के महत्वपूर्ण अंतर से हराया था. 26 साल की उम्र में रक्षा हीना गावित के साथ 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र की सांसदों में से शामिल थीं.
इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में रक्षा खडसे को दूसरी बार रावेर लोकसभा के सांसद के रूप में चुना गया, उन्होंने कांग्रेस के उल्हास पाटिल को 335,882 मतों के अंतर से हराया था. रक्षा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी रावेर सीट बरकरार रखी और एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार को 2,72,183 मतों के अंतर से हराया.
रक्षा खडसे की राजनीतिक प्राथमिकताओं में जलगांव क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करना और सड़क संपर्क में सुधार करना शामिल है, जिसे वह बुनियादी ढांचे और शिक्षा के लिए आवश्यक मानती हैं. वह रावेर में एक सिंचाई संयंत्र के लिए आंशिक फंड प्राप्त करने में भी कामयाब रही हैं. तीन बार की भाजपा सांसद रक्षा खडसे का नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना उनके सौम्य व्यवहार का पुरस्कार है.