इंडिया टुडे कॉन्क्लेव पॉप-अप: इलेक्शन स्पेशल में बुधवार को शीर्ष चुनावी विश्लेषक और इंडिया टुडे ग्रुप के टॉप एडिटर्स एक साथ आए और 4 जून को आने वाले चुनावी नतीजों की संभावनाओं पर चर्चा की. पैनलिस्ट्स से बीजेपी और कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की संख्या, इस बार देखे गए रुझान और चुनाव में अन्य निर्णायक कारकों के बारे में सवाल किए गए.
सेशन के पैनल में एक्सिसमायइंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता, लोकनीति-सीएसडीएस के को-डायरेक्टर संजय कुमार, इंडिया टुडे टेलीविजन और आज तक के न्यूज डायरेक्टर और बिजनेस टुडे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल कंवल और इंडिया टुडे टेलीविजन के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई मौजूद रहे.
'बहुत बड़ा नहीं होगा जीत का अंतर'
संजय कुमार ने कहा, 'मेरी राय में, परिदृश्य यह है कि बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ करीब 300 सीटें जीतेगी. मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के अपने सहयोगियों के साथ 370 और 400 के आस पास कहीं दूर-दूर तक जाने की संभावना है.'
उन्होंने भविष्यवाणी की कि भाजपा 272 से अधिक सीटें जीतेगी लेकिन अंतर बहुत बड़ा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनाव 2019 की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी है. कांग्रेस 2019 की तुलना में अपनी स्थिति में सुधार करेगी.
'अगले 50 साल तक बेरोजगारी और महंगाई रहेंगे मुद्दे'
एनडीए और कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने की संभावना है, प्रदीप गुप्ता इस सवाल पर टालमटोल करते रहे. बचे हुए दो चरणों की वोटिंग का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि उनका पेशा उन्हें 'अधपका खाना परोसने' की अनुमति नहीं देता है.
हालांकि उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई पिछले 50 साल से चुनावों में प्रमुख मुद्दे रहे हैं और अगले 50 साल में भी यही रहेंगे. प्रदीप गुप्ता ने कहा, 'सवाल यह है कि मुद्दों को उठाने के लिए कौन बेहतर रूप से तैयार है और इसी तरह मतदाता सरकार का चुनाव करते हैं.'
'बेहतर भविष्य के लिए जनता को पीएम मोदी पर भरोसा'
राहुल कंवल ने कहा कि बेरोजगारी और संकट वास्तविक कारक हैं लेकिन कई मतदाताओं को लगता है कि भविष्य में उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए पीएम मोदी सबसे अच्छे एजेंट हैं.
चुनावों में सत्ता विरोधी लहर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'यह फैक्ट है कि पीएम मोदी अभी भी एक मुश्किल विकेट पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, लेकिन बल्लेबाजी करना और मजबूती से खड़े रहना उस व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ कहता है.'
'विपक्ष को बेहतर विकल्प की जरूरत'
राजदीप सरदेसाई ने कहा कि यह एक ऐसा चुनाव है जिसका फैसला महिलाएं और युवा मतदाता करेंगे. उन्होंने कहा, 'समस्या यह है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों का अधिक इंटरव्यू लिया जाता है क्योंकि पुरुष आगे आ जाते हैं और महिलाएं बैकग्राउंड में रह जाती हैं.'
उन्होंने कहा, 'युवा मतदाता रात-दिन सोशल मीडिया और रील देख रहे हैं और उनकी बहुत, बहुत मजबूत राय है.'
राजदीप सरदेसाई ने कहा, 'मुझे ऐसा कोई परिदृश्य नजर नहीं आता है जहां बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी, गठबंधन में या 272 के पार. दूसरा, पिछले दो चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई में 90 प्रतिशत सीटें बीजेपी ने जीतीं. जब तक विपक्ष एक बेहतर विकल्प की पेशकश नहीं करता, मुझे नहीं लगता कि विपक्ष प्रमुख राज्यों में राष्ट्रीय स्तर पर जीतने की स्थिति में है.'