दुनियाभर में सेम-सेक्स मैरिज पर लंबे अरसे से बहस चल रही है. क़म से क़म 32 देशों में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता भी मिल चुकी है. भारत में सेम सेक्स की अनुमति तो मिल गई, लेकिन सेम सेक्स मैरिज को मान्यता नहीं दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में IPC के सेक्शन 377 पर एक लैंडमार्क जजमेंट देते हुए कहा था कि होमोसेक्सुएलिटी अपराध नहीं है. ये बहुत बड़ा कदम था, लेकिन तभी एक सवाल भी पैदा हुआ था कि अगर दो होमोसेक्सुअल लोगों को एकसाथ रहने का कानूनी हक़ है तो फिर उनके आपस में विवाह कर लेने की आज़ादी क्यों नहीं? और इसी मांग लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिस पर कल देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई. तो सुनवाई के दौरान पिटीशनर्स की तरफ से क्या क्या कहा गया, क्या दलीलें दी गईं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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1962 की जंग के बाद 2020 में एक ऐसी घटना घटी, जिसने भारत और चीन के संबधों में गहरी खाई पैदा कर दी. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में LAC के पास भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए. चीन ने आधिकारिक तौर पर माना कि उसके भी 5 सैनिकों की जान इसमें गई थी. उस घटना के बाद से ही सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच लोकल कमांडर लेवल पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन हालात में बहुत ज़्यादा सुधार नहीं आया है. एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर चीन भारत के साथ सीमा विवाद को बातचीत के ज़रिये सुलझाने की बात करता है, लेकिन दूसरी तरफ उसकी गतिविधियां इसे विपरीत दिशा में ले जाती दिखती हैं. पिछले हफ़्ते ही ऐसी ख़बरें आई थीं कि इंडिया के साथ बरक़रार तनाव के बीच चीन ने अपना डिफ़ेन्स बजट 7 फीसदी से ज़्यादा बढ़ा दिया है. अब इंडिया टुडे को सूत्रों के हवाले से पता चला है कि चीन भारी संख्या में उन हथियारों को ख़रीद रहा है, जिसका इस्तेमाल चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवान क्लैश के समय किया था. इसको लेकर क्या जानकारी सामने आई है और पिछले तीन साल के घटनाक्रमों को देखें तो क्या सीमा पर तनाव घटने के आसार दिखते हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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भारत में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएँ दुनिया में सबसे ज़्यादा होती हैं. आप पिछले कुछ महीनों के अख़बारों के पन्ने पलटेंगे या सिम्पली गूगल करेंगे तो कुत्तों के काटने की कई ख़बरें देखेंगे. और ये कोई एक जगह की बात नहीं है. बड़े से बड़े और छोटे से छोटे शहरों से ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. पिछले दिनों कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया कि दिल्ली के वसंतकुंज इलाक़े में आवारा कुत्तों ने तीन दिन के अंदर दो सगे भाइयों को मार डाला है. हालाँकि इस घटना को लेकर पूरी स्पष्टता आनी बाक़ी है. लेकिन, कुत्ते काटने की ख़बरें काफी संख्या में आ रही हैं. आपने अपने आस-पड़ोस में गौर भी किया होगा कि आवारा कुत्तों की तादाद भी काफी ज्यादा हो गई है. एक आँकड़े के मुताबिक़ भारत में क़रीब छह करोड़ से ज़्यादा आवारा कुत्ते हैं. इतना ही नहीं, देश में हर साल क़रीब दो करोड़ लोगों को जानवर काटते हैं. इनमें से क़रीब 92 प्रतिशत मामले कुत्तों के काटने के होते है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक़ दुनिया में 36 प्रतिशत रैबीज़ से मौत के मामले भारत में होते हैं. यानी हर साल रेबीज़ से 18,000 से 20,000 लोगों की मौत होती है. तो सबसे पहले ये जानते हैं कि कुत्ते जिसे सबसे वफ़ादार जानवर माना जाता है, वो इंसानों पर हमला क्यों करते हैं, उन्हें काटते क्यों हैं और कुत्तों को लेकर क्या पब्लिक अवेयरनेस भी बढ़ाये जाने की भी ज़रूरत है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.