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जानिए क्यों प्रशासक प्रफुल्ल पटेल से नाराज हैं लक्षद्वीप के लोग, ट्रेंड कर रहा #SaveLakshadweep

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि जब से गुजरात के पूर्व विधायक प्रफुल्ल पटेल को दिनेश्वर शर्मा के निधन के बाद नया प्रशासक नियुक्त किया गया, तब से लक्षद्वीप के लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

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लक्षद्वीप के प्रशासन प्रफुल्ल पटेल (फाइल फोटो)
लक्षद्वीप के प्रशासन प्रफुल्ल पटेल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रफुल्ल पटेल के फैसले पर है विवाद
  • लक्षद्वीप के स्थानीय लोग हैं नाराज

देश के सबसे द्वीप में से एक लक्षद्वीप में प्रशासक और स्थानीय नेताओं पर विवाद शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर #SaveLakshadweep ट्रेंड भी कर रहा था. दरअसल, यहां के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ स्थानीय लोगों में कोरोना मिसमैनेजमेंट के साथ ही द्वीपवासियों के खाने-पीने पर टिप्पणी को लेकर नाराजगी है.

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लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि जब से गुजरात के पूर्व विधायक प्रफुल्ल पटेल को दिनेश्वर शर्मा के निधन के बाद नया प्रशासक नियुक्त किया गया, तब से लक्षद्वीप के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. उनका कहना है कि नए प्रशासक अपने "मनमाने तरीकों" से "भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को खराब" कर रहे हैं.

महामारी से निपटने में चूके प्रफुल्ल पटेल
कोरोना के पहले चरण में लक्षद्वीप में एक भी केस नहीं था, लेकिन दूसरी लहर में यहां पर तेजी से केस आए हैं. इसके पीछे प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि तत्कालीन प्रशासक दिनेश्वर शर्मा, निर्वाचित प्रतिनिधियों और लोगों के सामूहिक प्रयासों से पहले चरण में केस नहीं आए थे.

सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि पहले चरण के दौरान हमने क्वारनटीन को लेकर एक एसओपी तैयार किया था, जो कोई भी लक्षद्वीप आना चाहता था, उसे कोच्चि में सात दिनों के क्वारनटीन होना पड़ता था और फिर अगर उनका RTPCR टेस्ट निगेटिव आता तो उन्हें लक्षद्वीप आने की इजाजत होती थी, यहां भी उन्हें एक हफ्ते क्वारनटीन रहना पड़ता था.

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सांसद मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया कि प्रफुल्ल पटेल ने एसओपी में ढील दी, हम आर्थिक गतिविधियां चाहते थे लेकिन हमने मांग की कि क्वारनटीन को लेकर नियम बना रहना चाहिए था, लेकिन वह सहमत नहीं हुए और इसमें ढील दी गई, इसका नतीजा रहा कि अब लक्षद्वीप, भारत की उच्चतम सकारात्मकता दर वाले राज्यों में एक है.

प्रफुल पटेल के खिलाफ आक्रोश क्यों?
प्रशासक बनने के बाद प्रफुल्ल पटेल के फैसलों से लक्षद्वीप के लोग नाराज हैं. दरअसल, लक्षद्वीप पशु संरक्षण कानून बनाया जा रहा है, जिसमें गाय, बैल की हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, जबकि एक अन्य कानून के जरिए शराब के बिजनेस को बढ़ाने का प्लान है. लक्षद्वीप लंबे समय से एक गैर-मादक क्षेत्र रहा है और यहां अधिकांश लोग मांसाहारी हैं. 

सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि इस अधिनियम के तहत वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझे क्या खाना चाहिए या मुझे क्या नहीं खाना चाहिए, वह मेरा संवैधानिक अधिकार छीन रहे हैं. उन्होंने लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 के मसौदे को पेश करके "लोगों की भूमि को हड़पने" का प्रयास करने का आरोप लगाया.

सांसद मोहम्मद फैजल का कहना है कि अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह सरकार को "विकास" के लिए द्वीपों पर किसी भी आम आदमी के स्वामित्व वाली भूमि के किसी भी टुकड़े को लेने का अधिकार देगा, एक अन्य प्रस्तावित कानून दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बनाना है.

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'बिना परामर्श के प्रस्तावित कानून'
सांसद मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया कि प्रशासक जनता या निर्वाचित अधिकारियों से परामर्श किए बिना कानून बना रहे हैं, यह लोकतंत्र के खिलाफ है. इस बीच फैजल ने केरल के कई एलडीएफ और कांग्रेस सांसदों के साथ केंद्र को पत्र लिखकर प्रफुल्ल पटेल को पद से हटाने और उनके प्रस्तावों की समीक्षा करने की मांग की थी.

 

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