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मराठा आरक्षण पर कोर्ट से लेकर OBC जातियां सरकार के गले की फांस क्यों?

मराठा आरक्षण पर कोर्ट से लेकर ओबीसी जातियां सरकार के गले की फांस क्यों, राजस्थान या MP, BJP राज्य के नेताओं के बजाय PM के चेहरे के साथ क्यों जाना चाहती है और एशिया कप में आज भारत का श्रीलंका के साथ मुकाबला कितना अहम है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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8 दिसंबर 2003 को उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं थीं.  उस साल कांग्रेस राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में हारी थी. दस साल मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को कुर्सी छोड़नी पड़ी. अगर 2018 से 20 तक के दो साल कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को छोड़ दिया जाए तो 2003 से 23 तक बीजेपी राज्य की सत्ता में है. और अब फिर से चुनाव करीब हैं.

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बीजेपी इसी ट्रेंड को बरकरार रखना चाहती है इसी को लेकर कल दिल्ली में पार्टी की बैठक हुई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के चौहान भी इसका हिस्सा थे. चुनाव में पार्टी की रणनीति कैसी हो इसको लेकर चर्चा हुई. इस बैठक में किन बातों पर चर्चा हुई, बीजेपी ने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित करने से परहेज किया, यही पैटर्न राजस्थान में भी दिखा. तो क्या ये माना जाए कि इन दो राज्यों में बीजेपी सेंट्रल लीडरशिप पर ही ज्यादा निर्भर है बजाय स्टेट लीडर्स के? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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और कल राजधानी दिल्ली में जब भाजपा ये बैठक कर रही थी, उसी वक्त महाराष्ट्र की राजधानी में भी एक बैठक हुई, लेकिन ये किसी पार्टी की नहीं बल्कि सर्वदलीय बैठक थी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये बैठक बुलाई थी. दरअसल मराठा आरक्षण आंदोलन वहाँ अभी भी राज्य सरकार के लिए मुसीबत बना हुआ है. इसी मांग को लेकर मराठा समाज के नेता मनोज जरांगे करीब दो हफ्ते से भूख हड़ताल पर हैं. प्रशासन से उनकी बातचीत लगातार बेनतीजा रही है.

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सरकार के सामने मुश्किल है कि 42 साल से चल रही इस मांग को जब साल 2018 में देवेन्द्र फड़नवीस सरकार ने 16 फीसदी आरक्षण देकर पूरा किया था तो हाईकोर्ट ने इसे घटाकर नौकरियों में 13 और शिक्षा में 12 परसेंट कर दिया. फिर साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को पूरी तरह ही रद्द कर दिया. राज्य में चुनाव भी दस्तक देने को हैं और उससे पहले लोकसभा चुनाव भी है. इसलिए भी ये राज्य सरकार के लिए बड़ी चिंता है.  कल की सर्वदलीय बैठक में क्या बातें हुई इस मुद्दे के हल को लेकर और कौन कौन दल और नेता वहाँ मौजूद रहे और लीगली पेंच क्या है सरकार के सामने इस मांग को पूरा करने में? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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क्रिकेट के वनडे मुकाबलों में हम कब सुनते हैं कि कोई टीम 228 रनों से हारे. कभी कभी तो 228 रन ही लड़ने लायक टारगेट बन जाता है. लेकिन कल पाकिस्तान भारत से एशिया कप के मुकाबले में इतने रनों से हार गया. बारिश ने ये मुकाबला दूसरे दिन तक खींचा था, दूसरे दिन यानी कल भी बारिश हुई, लेकिन मैच पूरा हो गया. कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 50 ओवर में दो विकेट पर 356 रन बनाए. जवाब में पाकिस्तान की टीम 32 ओवर में 128 रन ही बना पाई. भारत की तरफ से दो शतक भी आए. विराट कोहली और के एल राहुल के. गेंदबाज कुलदीप यादव ने 5 विकेट भी लिए. जिसके दम पर भारत ने पाकिस्तान पर अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. वैसे आज भारत का श्रीलंका से भी मुकाबला होना है और इससे तय होने जा रहा है कि भारत एशिया कप के फाइनल्स के लिए अपनी दावेदारी कितनी मजबूत करेगा. 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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