केरल-तमिलनाडु सीमा से लगे जंगल क्षेत्र में 45 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति की जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का कहना है कि मृतक की पहचान मनु के रूप में हुई है, जो तमिलनाडु के एक आदिवासी बस्ती से ताल्लुक रखते थे.
दरअसल, यह दर्दनाक घटना सोमवार शाम की है, जब मनु अपनी पत्नी के साथ किराने का सामान खरीदकर लौट रहे थे. जंगल से सटे खेतों के पास अचानक एक जंगली हाथी ने उन पर हमला कर दिया. उनकी पत्नी किसी तरह बचकर भागने में सफल रही, लेकिन मनु को हाथी ने कुचल दिया. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मंगलवार सुबह एक खेत में उनका शव पड़ा देखा, जो जंगल के किनारे स्थित था. इस घटना के बाद से इलाके में डर और आक्रोश का माहौल है.
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स्थानीय लोगों का प्रदर्शन और जलसंकट की समस्या
घटना के विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है. लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा पानी की कोई सुविधा नहीं दी गई है, जिससे उन्हें पास के जलस्रोत से पानी भरने जाना पड़ता है. जहां अक्सर हाथी मौजूद रहते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने वन और पुलिस अधिकारियों को शव उठाने से रोक दिया और सरकार से हाथियों के खतरे को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की.
इसके अलावा वायनाड में वन्यजीव वार्डन कार्यालय के बाहर यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे जंगली हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.