
अगले महीने भारत एक ऐतिहासिक जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है. इस सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बिजनेस टुडे के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की और कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की प्रगति से परिचित है. इसलिए, किसी शिखर सम्मेलन को छवि निर्माण के चश्मे से देखना भारत की विकास गाथा को कमजोर करना है.
इस दौरान पीएम मोदी ने कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. जब प्रधानमंत्री मोदी से पूछा गया कि क्या ग्लोबल प्रोडक्शन हब की रेस में चीन को पछाड़ पाएगा भारत? तो प्रधानमंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा, मैं चाहता हूं कि मेरे साथी नागरिकों को विकसित देशों जैसी अच्छी सुविधाएं मिलें. दुनिया आज भारत की ताकत को पहचान रही है. वे यहां आ रहे हैं क्योंकि यह यह उनकी कंपनी, उनके उत्पाद और उनके मुनाफे के लिए अच्छा है.
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जो प्रयास आज हो रहे हैं वो 40 साल पहले होने चाहिए थे'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे पास दुनिया की सबसे युवा और सबसे प्रतिभाशाली पीढ़ी है. क्या उन्हें प्रगति के सपने देखने की आज़ादी नहीं मिलनी चाहिए? अगर भारत के पास इतना बड़ा बड़ा बाज़ार है तो क्या उसे मैन्युफैक्चरिंग पावर बनने का भी सपना नहीं देखना चाहिए? पीएम मोदी ने कहा,' हम जो प्रयास 2014 से कर रहे हैं वह 40-45 साल पहले ही कर देना चाहिए था. उस समय देश को पता था कि कौन सा काम करना सही है, लेकिन निर्णय लेने वालों ने गलत फैसले लिए. हम 2014 से मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने और व्यापार करने में आसानी में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.'
PM मोदी ने कहा, 'विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, हमारे कार्यबल के कौशल विकास, सहायक नीतियों और आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों पर ध्यान केंद्रित करके, हम अपने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बदल रहे हैं. भारत में ऐप्पल के मैन्युफैक्चरिंग फुटप्रिंट में बढ़ोतरी, माइक्रोन का भारत में सेमीकंडक्टर असेंबली स्थापित करने का निर्णय, ये सभी एक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में भारत के बढ़ते आकर्षण को दर्शाते हैं.'
बताया कैसे तैयार की गई है पीएलआई स्कीम
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर में बदलने में सक्षम होने के लिए पैमाने और मात्रा का निर्माण महत्वपूर्ण है. यहीं पर सप्लाई चेन के विकास के लिए निवेश आकर्षित करना और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का निर्माण आवश्यक है. हमारी पीएलआई योजनाएं कंपनियों को साल दर साल अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और लोकल वैल्यू एडिशन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि G20 की हमारी अध्यक्षता के दौरान, हमने G20 में अफ्रीकी संघ के लिए एक स्थायी सीट की तलाश करने की पहल की है, और हमें विश्वास है कि हमारे प्रस्ताव को अन्य G20 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होगा.