नई सरकार के गठन के लिए दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है. जेडीयू, एलजेपी और टीडीपी संसदीय दल की बैठक खत्म होने के बाद अब एनडीए संसदीय दल की बैठक होनी है. इस बीच तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) नेता रविंद्र कुमार ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आंध्र में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा.
टीडीपी नेता रविंद्र कुमार से जब सवाल किया गया कि क्या आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा या नहीं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "...हां, हम इसे जारी रखेंगे. इसमें कोई समस्या नहीं है." उन्होंने आगे कहा, '..आज एनडीए की बैठक है. 5 जून को पहली बैठक हुई थी. आज दूसरी बैठक है. दूसरी बैठक में एनडीए के सहयोगी दलों से कुछ मदद ली जाएगी. उसके बाद एनडीए सांसदों की बैठक भी होगी.'
चंद्रबाबू नायडू ने किया था वादा
रविंद्र कुमार ने कहा '9 जून को प्रधानमंत्री के शपथ लेने की उम्मीद है, इसलिए उससे पहले हमें एनडीए नेता का चुनाव करना है और राष्ट्रपति को जरूरी अनुरोध सौंपना है. उसके बाद सांसदों की बैठक होगी और उसके बाद हम मुद्दों परचर्चा करेंगे...'
चंद्रबाबू नायडू ने दो दिन पहले किया था 4% मुस्लिम कोटे का वादा, अब चुनावी घोषणा पत्र में बनाई दूरी
दरअसल, चुनाव के दौरान मुस्लिम आरक्षण को लेकर TDP चीफ एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा था, कुछ मुद्दे जैसे नौकरियों में 4% आरक्षण की बात है. हां, वे (मुसलमान) योग्य हैं. हम रक्षा करेंगे. दूसरा कोई विचार नहीं है. चूंकि मुसलमानों में गरीबी अधिक है. आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से वे पीछे छूट गए हैं. उन्हें आरक्षण देना हमारी जिम्मेदारी है. हम देंगे.
'हम 4 फीसदी आरक्षण बचाएंगे'
इससे पहले 28 अप्रैल को नायडू ने एक्स पर एक वीडियो संदेश जारी किया था. इसमें कहा था, मुसलमानों में आज भी गरीबी बनी हुई है. ऐसे समय में उनकी मदद करना हमारी जिम्मेदारी है. इसी क्रम में हम मुसलमानों के लिए 4 फीसदी आरक्षण बचाएंगे. इसमें कोई अन्य विचार नहीं है. उसी दिन नेल्लोर में मुस्लिम समुदाय के साथ बातचीत के दौरान नायडू ने कहा था, उनकी पार्टी ने सर्वश्रेष्ठ अधिवक्ताओं को काम पर रखा है और सुप्रीम कोर्ट में चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी है.
'एनडीए के घोषणा पत्र में मुस्लिम कोटे का जिक्र नहीं'
वहीं जब एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में एनडीए के सहयोगी टीडीपी, जनसेना और बीजेपी के संयुक्त चुनावी घोषणापत्र को जारी किया था तो उसमें मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का जिक्र नहीं किया गया था. घोषणापत्र का मुख्य आकर्षण 'सुपर सिक्स' रहा, जिसमें 19 से 59 वर्ष की महिलाओं के लिए 1,500 रुपये मासिक पेंशन, युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियां या 3,000 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल था.