चार राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जो 22 दिसंबर तक चलेगा. इस शीतकालीन सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी. सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार होने के आसार हैं, क्योंकि आज ही TMC सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट निचले सदन में पेश होगी.
सत्र शुरू होने से पहले आज भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन को काफी अहम बताया. उन्होंने कहा कि आज मेरे संसदीय जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन है. आज शुरुआत माता-पिता का आशीर्वाद लेकर की.
ये विधेयक होंगे पेश
- सरकार जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश करेगी जो जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को सीटों का एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा.
- पुडुचेरी की विधान सभा में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने के प्रावधानों को शामिल करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 भी पेश किया जाएगा.
- ये दोनों विधेयक उन 7 नए विधेयकों में से हैं, जो इस सत्र में सरकार के विधायी एजेंडे का हिस्सा हैं.
- कुल 33 लंबित विधेयकों में से 12 विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध हैं.
- इनमें तीन आपराधिक कानून संशोधन विधेयक भी शामिल हैं, जिन्हें पहले लोकसभा में पेश करने के बाद स्थायी समिति को भेजा गया था.
- राज्यसभा में पेश अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान विचार और पारित करने के लिए रखा जाएगा.
निशिकांत दुबे ने ही लगाए थे आरोप
बता दें कि सांसद महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ही आरोप लगाए थे. इसमें कहा गया था कि महुआ ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर लगातार निशाना साधा था. इसके बदले व्यापारी से उन्हें गिफ्ट्स मिले थे.
एजेंडे पर चर्चा के ली बुलाई थी बैठक
इससे पहले 2 दिसंबर को सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई थी. इस बैठक में 23 पार्टियों के 30 नेता शामिल हुए थे. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि शीतकालीन सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी. उन्होंने कहा था,'शून्यकाल नियमित रूप से होता रहा है. हमने सभी दलों से अनुरोध किया है कि सदन में मुद्दों पर सार्थक बहस हो, इसके लिए माहौल बनाए रखा जाना चाहिए. चर्चा नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए होनी चाहिए. सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है.'
मीटिंग में TMC ने लगाया था ये आरोप
बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सूत्रों ने बताया था कि सर्वदलीय बैठक में पार्टी ने 6 मुद्दे उठाए. टीएमसी का प्रतिनिधित्व सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ'ब्रायन (दोनों सदनों में पार्टी के संसदीय दल के नेता) ने किया था. सूत्रों के मुताबिक TMC के नेताओं ने मीटिंग में कहा था कि 'दुर्भाग्य से केंद्र सरकार ने संसद सत्र से पहले इन सर्वदलीय बैठकों को समय की बर्बादी बना दिया है. टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया था कि पिछले सत्र में सरकार ने सर्वदलीय बैठक में साझा किए बिना सत्र के बीच में गुप्त रूप से बिल जोड़ दिए थे.'