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बेंगलुरु नकली नोट मामले में महिला दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई ये सजा

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वनिता उर्फ थंगम को आईपीसी की धारा 489बी के तहत छह साल की कैद, आईपीसी की धारा 489सी के तहत पांच साल की कैद और आईपीसी की धारा 120बी के तहत दो साल की जेल के अलावा 20 हजार का जुर्माना लगाया है.

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कोर्ट ने महिला को सुनवाई सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोर्ट ने महिला को सुनवाई सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बेंगलुरु नकली नोट मामले में  एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने छठी आरोपी को दोषी ठहराया है. ये आरोपी महिला बांग्लादेश से कर्नाटक के रास्ते भारत में भारी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय करेंसी की तस्करी शामिल थी. मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वनिता उर्फ थंगम को आईपीसी की धारा 489बी के तहत छह साल की कैद, आईपीसी की धारा 489सी के तहत पांच साल की कैद और आईपीसी की धारा 120बी के तहत दो साल की जेल के अलावा 20 हजार का जुर्माना लगाया है.

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दरअसल, कर्नाटक पुलिस ने वनीता से 2,50,000 रुपये के नकले नोट बरामद किए थे. ये कार्रवाई राज्य पुलिस और एनआईए के संयुक्त अभियान के दौरान की गई थी, जिसमें तीन आरोपियों के कब्जे से 4,34,000 रु बरामद किए गए थे. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी. जांच में ये बात सामने आई थी कि फेक करेंसी का मुख्य आरोपी अब्दुल खादिर है. एनआईए की आगे की जांच में बेंगलुरु में तीन व्यक्तियों द्वारा नकली नोटों के संभावित लेनदेन का संकेत मिला था.

बता दें कि 2016 और 2022 के बीच एनआईए ने कुल आठ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए हैं. जिनमें से तीन आरोपियों, जिनकी पहचान मोहम्मद सज्जाद अली उर्फ चाचू, एमजी राजू उर्फ मास्टर और अब्दुल कादिर के रूप में हुई, को विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. तीनों को आईपीसी की धारा 489बी के तहत छह साल की कैद, आईपीसी की धारा 489सी के तहत पांच साल की कैद और आईपीसी की धारा 120बी के तहत दो साल की कैद के अलावा का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं दो अन्य आरोपियों, गंगाधर खोलकर और सबीरुद्दीन को भी बाद में दोषी ठहराया गया और एनआईए विशेष अदालत ने कैद और जुर्माने की सजा सुनाई. 

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